बिहार SIR में 12वें दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड शामिल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने किया लागू
Bihar SIR: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया में अब आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में शामिल कर दिया गया है. इससे मतदाता अब आधार कार्ड के जरिए भी अपनी पहचान और सत्यापन करवा सकते हैं. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने लिया है और इसे बिहार सरकार के निर्वाचन विभाग ने सभी जिलों में लागू करने का निर्देश जारी किया है.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और आयोग की कार्रवाई
केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने का निर्देश दिया. इसके बाद बिहार के निर्वाचन विभाग ने सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी, निर्वाचक निबंधक और सहायक निर्वाचन निबंधन पदाधिकारियों को इस आदेश के अनुपालन का निर्देश दिया. विभाग ने स्पष्ट किया है कि आधार को स्वीकार न करने या पालन न करने की किसी भी घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया जाएगा.
आधार अब मान्य पहचान दस्तावेज
24 जून 2025 के एसआईआर आदेश के अनुसार, पहले सूचीबद्ध 11 दस्तावेजों के अतिरिक्त अब आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में मान्यता दी गई है. ध्यान रहे कि आधार कार्ड को पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा, न कि नागरिकता के प्रमाण के रूप में. यह व्यवस्था जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4) और आधार अधिनियम, 2026 की धारा 9 के तहत लागू होगी.
विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी याचिका
पहले वोटर लिस्ट रिवीजन में मतदाताओं के सत्यापन के लिए केवल 11 दस्तावेजों की सूची जारी की गई थी, जिसमें आधार कार्ड शामिल नहीं था. इसके खिलाफ विपक्षी दलों और विभिन्न संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग को आधार कार्ड को मान्य दस्तावेज के रूप में शामिल करने का आदेश दिया. इस फैसले के बाद बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया में बड़ी सुविधा मिलेगी और मतदाता अब आधार के माध्यम से भी अपने सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे.
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