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बिहार महिला आयोग में अब ऑनलाइन होगी शिकायत दर्ज, 19 सितंबर से सुविधा शुरू


Bihar Women Commission: बिहार राज्य महिला आयोग 19 सितंबर को अपना 24वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस अवसर पर आयोग महिलाओं के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू करने जा रहा है. अब महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगी.

शिकायत दर्ज कराने के लिए उन्हें आयोग के दफ्तर आने की आवश्यकता नहीं होगी. आयोग का मानना है कि यह कदम खासकर गरीब और दूर-दराज से आने वाली महिलाओं के लिए बड़ी राहत साबित होगा.

ऑनलाइन फॉर्म भरकर दर्ज होगी शिकायत

महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने बताया कि नई व्यवस्था विद्यार्थियों के ऑनलाइन फॉर्म भरने जैसी होगी. महिला को आयोग की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होगा, जिसमें नाम, पता, मोबाइल नंबर और पूरी व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी. इसके अलावा, जिसके खिलाफ शिकायत दर्ज की जा रही है, उसकी भी डिटेल भरनी होगी.

ऑनलाइन फॉर्म में एक कॉलम शिकायत के प्रकार के लिए होगा. महिला चाहे तो घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, यौन उत्पीड़न, शादी का झांसा देकर शोषण, एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर, संपत्ति विवाद या अन्य मामलों में टिक कर सकती हैं. इससे आयोग को तुरंत यह समझने में आसानी होगी कि मामला किस श्रेणी का है.

ऑनलाइन सिग्नेचर से पूरी होगी प्रक्रिया

शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया का अंतिम चरण ऑनलाइन सिग्नेचर होगा. महिला को फॉर्म भरने के बाद डिजिटल हस्ताक्षर करना होगा, जिसके बाद आवेदन पूरा माना जाएगा. आयोग का कहना है कि ऑनलाइन सिग्नेचर व्यवस्था से शिकायत को फर्जी या अधूरा मानने की आशंका खत्म होगी.

जैसे ही शिकायत ऑनलाइन दर्ज होगी, आयोग का टेक्निकल सेल और संबंधित अधिकारी केस का संज्ञान लेंगे. प्राथमिक जांच के बाद महिला को सूचना दी जाएगी और आगे की कार्रवाई तय होगी. आयोग का मानना है कि इससे शिकायतों की प्रोसेसिंग में तेजी आएगी और लंबी दूरी से आने वाली महिलाओं का समय और पैसा दोनों बचेंगे.

क्यों जरूरी था यह कदम?

अब तक महिलाओं को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पटना स्थित कार्यालय तक आना पड़ता था. कई मामलों में पीड़िताएं दूर-दराज के गांवों से आती थीं, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. आयोग की नई पहल से न केवल महिलाओं की परेशानी घटेगी बल्कि शिकायतों की संख्या और उनकी मॉनिटरिंग भी आसान होगी.

शिकायतों की पूरी जानकारी ऑनलाइन दर्ज होने से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. आयोग हर केस का डिजिटल रिकॉर्ड रख सकेगा, जिससे भविष्य में मॉनिटरिंग और फॉलो-अप आसान होगा. यह व्यवस्था डिजिटल इंडिया के लक्ष्य के अनुरूप भी है.

अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा का कहना है कि यह बदलाव आयोग के 24 साल पूरे होने पर महिलाओं को समर्पित है. “जो महिलाएं दूर से आकर अपनी समस्या बताने से हिचकती थीं, अब वे घर बैठे अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगी. हमारा लक्ष्य है कि किसी महिला को न्याय के लिए भटकना न पड़े.”

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