Bihar Weather Alert: पटना मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 15 सितंबर तक बिहार के कई जिलों में झमाझम बारिश और बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा. बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम की वजह से मौसम का मिजाज अचानक बदल गया है.
ऐसे में बिहार में लोगों को न सिर्फ उमस से राहत मिल रही है, बल्कि मूसलाधार बारिश और बिजली गिरने जैसी आपदाओं के लिए सतर्क रहने की भी सलाह दी गई है.
भारी बारिश का नया दौर शुरू
सोमवार से ही बिहार में बादल सक्रिय हो चुके हैं और कई जिलों में तेज बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मंगलवार यानी 9 सितंबर से इसका असर और गहराएगा. अररिया और किशनगंज जिलों में भारी बारिश की विशेष चेतावनी दी गई है. इसके साथ ही भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और अरवल समेत कुल 19 जिलों में वज्रपात और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है.
कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है. वहीं पटना, गया और समस्तीपुर समेत लगभग 14 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है.
पटना में आज कैसा रहेगा मौसम
पटना में उमस भरी गर्मी से राहत मिलने की संभावना बेहद कम है. शाम में राजधानी के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना है. तेज हवा भी चलेगी. 11 से 17 सितंबर के बीच राजधानी में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवा चल सकती है. इस दौरान तापमान में गिरावट आएगी और दिन में उमस से थोड़ी राहत मिलेगी.
मौसम विभाग के मुताबिक, 13 से 15 सितंबर के बीच पटना में तेज बारिश के आसार हैं. बारिश के बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री तक तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी.
राहत भी, खतरा भी
बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत जरूर मिली है, लेकिन लोगों की चिंता वज्रपात और आंधी-तूफान को लेकर है. मौसम विभाग ने साफ किया है कि इस दौरान कई जगहों पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. तेज हवा और बिजली गिरने की घटनाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं. इसी कारण विभाग ने लोगों से घरों के बाहर कम निकलने और सावधानी बरतने की अपील की है.
गांव-देहात के खुले इलाकों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों को खासतौर से सतर्क रहने को कहा गया है, क्योंकि अक्सर वज्रपात की चपेट में यही तबका सबसे ज्यादा आता है.
कब तक बरसेगा पानी?
मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश का दौर 15 सितंबर तक जारी रहेगा. इस दौरान लगातार मध्यम से भारी बारिश होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश का यह सिलसिला राज्य के जलस्तर और भू-जल भंडारण के लिए फायदेमंद साबित होगा. हालांकि, निचले इलाकों में जलजमाव और सड़कों पर फिसलन जैसी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं.
मौसम बदलने का कारण क्या है?
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया ने इस बार मानसून को सक्रिय कर दिया है. इस सिस्टम की वजह से समुद्र से आने वाली नमी की मात्रा अचानक बढ़ गई है और बिहार के ऊपर घने बादलों का डेरा जम गया है.
यह दबाव प्रणाली लगातार सक्रिय है, जिसके चलते न सिर्फ बिहार बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड तक में बारिश का असर देखने को मिल रहा है.
सतर्क रहने की जरूरत
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इस दौरान लोग अनावश्यक बाहर न निकलें. वज्रपात से बचने के लिए बारिश के वक्त पेड़ों के नीचे खड़े न हों और खुले मैदानों से दूर रहें. बिजली उपकरणों का इस्तेमाल भी सावधानी से करने को कहा गया है.
ग्रामीण इलाकों में प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया जा सके.
Also Read: Land For Job Case: मामले में लालू यादव की नई दलील, FIR के लिए CBI नहीं ली मंजूरी, क्या है पूरा मामला ?