बिहार में 35 साल बाद आया मर्डर केस का फैसला, जवानी में की हत्या अब बुढ़ापे में काटेंगे उम्रकैद की सजा
Bihar News: बिहार में गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के खजूरी पूर्व टोला गांव में 35 साल पहले हुए हत्याकांड में कोर्ट ने पांच दोषियों को सजा सुनाई. जिला जज-12 राजीव मिश्रा की अदालत ने मुख्य आरोपी विनोद प्रसाद को सात वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना, जबकि नागेंद्र प्रसाद, सच्चिदानंद प्रसाद, पारस भगत और प्रभुनाथ भगत को पांच-पांच वर्ष का कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा दी. जुर्माना नहीं भरने पर तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
कोर्ट में फूट-फूटकर रोए दोषी
निर्णय सुनते ही आरोपियों की आंखों से आंसू छलक पड़े. जवानी में अपराध करने वाले ये लोग आज 65 से 70 वर्ष की उम्र में सजा सुनकर पछतावा जताने लगे. कोर्ट ने फैसला अपर लोक अभियोजक जयराम साह और बचाव पक्ष के वकील अबू शमीम की दलीलों को सुनने के बाद सुनाया.
गवाही से साबित हुआ अपराध
अदालत ने कांड के सूचक भरोसा भगत, चश्मदीद गवाह जनार्दन प्रसाद, प्रभुनाथ प्रसाद, पहवारी प्रसाद और रामकिशुन प्रसाद के बयानों को आधार बनाकर सजा दी. गवाहों की गवाही ने आरोपियों के अपराध को साबित करने में निर्णायक भूमिका निभाई.
खेत में खाद डालने के दौरान हुआ था हमला
घटना 35 वर्ष पहले की है जब गणेश भगत अपने खेत में खाद डाल रहे थे. इसी दौरान पड़ोसी विनोद प्रसाद सहित पांच लोगों ने उन पर हमला कर दिया. बचाने पहुंचे भरोसा भगत और अन्य लोगों को भी गंभीर चोटें आईं. इलाज के दौरान गणेश भगत की मौत हो गई और भरोसा भगत की तहरीर पर मामला दर्ज हुआ.
पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया
फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने कहा कि इंसाफ पाने में 35 साल लग गए. उन्होंने कहा कि यदि आरोपियों को फांसी की सजा मिलती तो उनका कलेजा ठंडा होता. वहीं, अदालत ने दोषियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
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