Gaya News: गया स्थित महाबोधि मंदिर में रविवार की शाम सुरक्षा बलों ने तीन युवकों को संदिग्ध गतिविधियों के आरोप में हिरासत में लिया. इनमें से एक युवक के पास ऐसा चश्मा बरामद हुआ जिसमें हिडन कैमरा लगा हुआ था.
पुलिस के अनुसार वह मंदिर परिसर और गर्भगृह के आसपास की तस्वीरें और वीडियो गुप्त रूप से बना रहा था. चश्मे से ली गईं तस्वीरें मोबाइल से कनेक्ट थीं. मंदिर प्रशासन और पुलिस ने इसे गंभीर सुरक्षा उल्लंघन मानते हुए जांच तेज कर दी है.
कैसे पकड़ा गया हिडन कैमरा चश्मा
डीएसपी सौरभ जयसवाल ने बताया कि कर्नाटक निवासी विश्वनाथ मल्लप्पा नाम का युवक कैमरा युक्त चश्मा पहनकर मंदिर में घुसा. परिक्रमा पथ पर उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं तो वहां तैनात बीएमपी के जवानों ने रोककर तलाशी ली. जांच में सामने आया कि चश्मे में कैमरा फिट था, जो मोबाइल फोन से जुड़ा हुआ था. चश्मा और फोन दोनों जब्त कर लिए गए हैं और तकनीकी जांच जारी है.
विश्वनाथ के साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली के रहने वाले दो युवक भी थे. तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस को संदेह है कि वे सिर्फ पर्यटक बनकर आए थे या फिर इसके पीछे कोई और मकसद छिपा हुआ था. फिलहाल सीओ बोधगया के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
मंदिर परिसर में फोटोग्राफी पर रोक
महाबोधि मंदिर बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में से एक है और यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल है. सुरक्षा कारणों से यहां मोबाइल और कैमरा लेकर प्रवेश करना सख्त मना है. मंदिर में प्रवेश से पहले ही सभी उपकरण जमा करा दिए जाते हैं. बावजूद इसके युवक हिडन कैमरा लेकर अंदर पहुंचे और फोटो लेने लगे.
मंदिर के केयरटेकर भिक्षु डॉ. दीनानंद ने कहा कि यह गंभीर उल्लंघन है. उन्होंने बताया, “मंदिर परिसर में फोटोग्राफी पूर्णतः प्रतिबंधित है. प्रवेश द्वार पर फोन और कैमरे जमा करा लिए जाते हैं. ऐसे में चश्मे में हिडन कैमरा लेकर अंदर जाना सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है.”
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी
घटना के बाद महाबोधि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है. पुलिस का कहना है कि डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर से गुजरने के बावजूद हिडन कैमरा चश्मा पकड़ में नहीं आया. अब सुरक्षा जांच की पद्धति की भी समीक्षा की जाएगी.
पुलिस अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जब्त किए गए मोबाइल और चश्मे की तकनीकी जांच कराई जा रही है. इससे पता लगाया जाएगा कि किस तरह की तस्वीरें और वीडियो बनाए गए हैं और उन्हें कहीं भेजा भी गया है या नहीं.
धार्मिक स्थल की संवेदनशीलता और खतरा
महाबोधि मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद संवेदनशील माना जाता है. 2013 में यहां सिलसिलेवार बम धमाके हो चुके हैं, जिसके बाद मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई थी. ऐसे में हिडन कैमरा के साथ किसी का पकड़ा जाना एक गंभीर संकेत है.
स्थानीय लोग और श्रद्धालु मानते हैं कि यह घटना सुरक्षा तंत्र की कमजोरी उजागर करती है. मंदिर प्रशासन ने भी पुलिस से सुरक्षा जांच और कड़ी करने की मांग की है.
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