CM Women Employment Scheme: मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का आवेदन अब शुरू हो चुका है. राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य है—हर परिवार की एक महिला को रोजगार के लिए आर्थिक सहायता देना। पहले चरण में महिलाओं को 10 हजार रुपये की राशि सीधे बैंक खाते में मिलेगी.
इसके बाद छह माह के भीतर रोजगार की स्थिति का आकलन कर आवश्यकतानुसार 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी. आवेदन प्रक्रिया 20 दिनों तक चलेगी और यह समूह आधारित होगी.
समूह से जुड़कर ही होगा आवेदन
योजना का सबसे अहम पहलू यह है कि आवेदन समूह में किया जाएगा. जो महिलाएं पहले से जीविका से जुड़ी हैं, वे अपने ग्राम संगठन की बैठक में फॉर्म भर सकती हैं. संकुल स्तरीय संघों में छह स्थानों पर आवेदन की प्रक्रिया 20 दिनों तक चलेगी. आधार कार्ड लाना जरूरी होगा.
खास बात यह है कि पहले से जीविका से जुड़ी महिलाओं के लिए कोई शर्त नहीं रखी गई है. जबकि जो महिलाएं अभी तक जीविका से जुड़ी नहीं हैं, उन्हें आवेदन से पहले समूह से जुड़ना होगा.
शहरी महिलाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल
ग्रामीण इलाकों की तरह शहरी महिलाओं को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल www.brips.in बनाया गया है. शहरी क्षेत्र की महिलाएं यहां आवेदन कर सकती हैं. आवेदन करने के बाद जीविका मित्र उनसे संपर्क करेंगे और तीन-चार दिनों में उन्हें समूह से जोड़ दिया जाएगा. इसके बाद वे भी संबंधित बैठक में शामिल होकर आवेदन भर सकेंगी.
शहरी महिलाओं के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं—आयु 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए, पति इनकम टैक्स देने वाला न हो और वह सरकारी या संविदा कर्मी न हो.
पहले ही दिन उमड़ा उत्साह
पटना कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जागरूकता समारोह में डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने योजना का विस्तृत खाका पेश किया. उन्होंने कहा कि जिले की 5.09 लाख जीविका दीदियां इस योजना से लाभान्वित होंगी. पहले ही दिन 48 हजार से ज्यादा महिलाओं ने आवेदन जमा कर अपनी भागीदारी दर्ज करायी. समारोह में 250 जीविका दीदियां मौजूद थीं. कार्यक्रम में आवेदन पत्र प्राप्ति प्रक्रिया की शुरुआत की गई और शहरी क्षेत्र के लिए पोर्टल का उद्घाटन हुआ.
कार्यक्रम में जीविका से जुड़ी महिलाओं ने इस योजना को अपने जीवन में बदलाव की बड़ी संभावना बताया. इससे न सिर्फ उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा.
जीविका समूहों की अहम भूमिका
120 नये शहरी निकायों में पहले से सक्रिय जीविका समूहों को मान्यता दी गई है. इन क्षेत्रों में महिलाओं के आवेदन इन्हीं समूहों के माध्यम से लिए जाएंगे. राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं भी योजना की पात्र होंगी और उन्हें भी अपने क्षेत्र स्तरीय संगठन की बैठक में जाकर आवेदन करना होगा. यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि हर आवेदन सामूहिक ढांचे में दर्ज हो और महिलाओं को समूहिक ताकत से जोड़ा जा सके.
योजना का असली मकसद केवल आर्थिक सहायता देना नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. डीएम डॉ. त्यागराजन ने कहा कि राज्य सरकार की इन पहलों से महिलाएं न सिर्फ अपने बच्चों और बुजुर्गों का बेहतर ख्याल रख पा रही हैं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और पारिवारिक निर्णयों में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यह योजना बिहार की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी.
Also Read: Patna Metro: पटना में पहली बार दौड़ी मेट्रो, सफर की शुरुआत सेफ्टी ट्रायल से