बिहार में फिर उफनाई गंगा, बक्सर में बढ़ा नदी का जलस्तर तो रामरेखा घाट पर पितृपक्ष को लेकर बढ़ी चिंता
Bihar Flood: बक्सर नगर का रामरेखा घाट धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. हर साल पितृपक्ष में यहां हजारों श्रद्धालु पिंडदान और तर्पण के लिए जुटते हैं. रविवार से श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू होगी. लेकिन इस बार घाट की स्थिति पहले जैसी नहीं है. बाढ़ के असर और गंगा के बढ़ते जलस्तर ने आस्था की राह को कठिन बना दिया है.
घाट पर सिल्ट और दलदल से मुश्किलें
हाल की बाढ़ के बाद रामरेखा घाट की सीढ़ियों और रास्तों पर सिल्ट की मोटी परत जम गई है. यह सिल्ट बालू और मिट्टी से मिलकर दलदल का रूप ले चुकी है, जिससे घाट पर फिसलन और खतरा दोनों बढ़ गए हैं. मुख्य सीढ़ियां डूब चुकी हैं और पुराना विवाह मंडप तक गंगा का पानी भर गया है. श्रद्धालुओं को स्नान और तर्पण में दिक्कतों का सामना करना पड़ना तय है.
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के पास
शुक्रवार शाम से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ना शुरू हुआ. जहां पहले चार घंटे में एक सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की जा रही थी, वहीं शनिवार को यह रफ्तार और तेज हो गई. शनिवार शाम तक जलस्तर 59.15 मीटर तक पहुंच गया, जो चेतावनी बिंदु के बेहद करीब है. वाराणसी और इलाहाबाद में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसका सीधा असर बक्सर पर पड़ रहा है.
श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की अपील
पंडा समाज ने श्रद्धालुओं से स्नान और पूजा के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है. उनका कहना है कि घाट पर सिल्ट और दलदल होने के कारण किसी भी अनहोनी से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता जरूरी है. सोमवार से भीड़ और अधिक बढ़ेगी, ऐसे में खतरा और बढ़ सकता है.
प्रशासन की चुनौती
आस्था के इस पर्व में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. गंगा के बढ़ते जलस्तर और घाट की दलदली हालत ने पितृपक्ष में बक्सर प्रशासन की परीक्षा और कठिन कर दी है.
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