Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर के एमआईटी कॉलेज मैदान में गुरुवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की नव संकल्प महासभा में जबरदस्त भीड़ उमड़ी. कार्यकर्ताओं ने “हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो, चिराग पासवान जैसा हो” के नारे खूब लगाए. इस दौरान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान मंच पर मौजूद थे और समर्थकों का जोश देख मुस्कराते हुए हाथ लहराकर उनका अभिवादन किया.
राजद, कांग्रेस और पशुपति पारस पर साधा निशाना
अपने संबोधन में चिराग पासवान ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि आने वाले पांच सालों का भविष्य तय करेगा. उन्होंने चेतावनी दी- “अगर हमसे कोई चूक हुई तो बिहार को अगले पांच साल पिछड़ेपन का शिकार होना पड़ेगा.” चिराग ने तेजस्वी यादव के MY (मुस्लिम-यादव) फैक्टर को चुनौती रूप देते हुए नया फॉर्मूला पेश किया. उन्होंने कहा- “मेरे लिए M का मतलब महिलाएं और Y का मतलब युवा हैं.”
समर्थकों का जोश, गाड़ी पर चढ़े कार्यकर्ता
सभा खत्म होते ही समर्थकों का हुजूम चिराग की गाड़ी के आसपास जमा हो गया. कई समर्थक उनकी गाड़ी पर चढ़ गए. चिराग ने खुद उन्हें समझाते हुए नीचे उतारा. बाद में सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को काबू किया.
“शेर का बेटा हूं, विरोधी मुझे नहीं रोक सकते”
चिराग पासवान ने भावुक होते हुए कहा, “पिता के जाने के बाद मुझे और मेरे परिवार को तोड़ने की कोशिश की गई. कभी पार्टी से निकालने की साजिश हुई, कभी घर से बेघर करने की योजना बनी. लेकिन चिराग न टूटा है, न झुका है. विरोधी भूल गए कि मैं शेर का बेटा हूं.”
80 साल बाद भी बिहार पिछड़ा क्यों?
चिराग ने कहा कि आजादी के 80 साल बाद भी बिहार पिछड़ा राज्य बना हुआ है. उन्होंने सवाल उठाया- “दिल्ली, मुंबई से कभी कोई लड़का रोजगार के लिए बिहार नहीं आया, लेकिन बिहारी आज भी शिक्षा और रोज़गार के लिए पलायन कर रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बिहारियों को अब भी दिल्ली एम्स जाना पड़ता है. आखिर ये सुविधाएं बिहार में क्यों नहीं हो सकतीं?”
उन्होंने कहा कि उनकी कल्पना का बिहार वह होगा जहां दूसरे राज्यों से लोग रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आएंगे. उन्होंने नारा दिया – “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट.”
विपक्ष पर तीखा वार
चिराग ने कांग्रेस और राजद को घेरते हुए कहा कि दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद उन्होंने बिहार को पिछड़ेपन से नहीं निकाला. उन्होंने दरभंगा में राजद-कांग्रेस मंच से पीएम मोदी को गाली दिए जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि “ये इनका असली संस्कार है. जो लोग मां-बहनों को गाली देते हैं, उन्हें जनता सबक सिखाएगी.”
कार्यकर्ताओं की भारी मौजूदगी
कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर के अलावा आसपास के जिलों से भी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पहुंचे. बसों, गाड़ियों और मोटरसाइकिलों पर झंडे-बैनर के साथ जुटे समर्थकों ने माहौल पूरी तरह चुनावी बना दिया. मंच पर सिर्फ चिराग पासवान और उनके पिता रामविलास पासवान की तस्वीरें लगी थीं, जिससे साफ संकेत मिला कि पार्टी अपने दम पर बिहार की राजनीति में नई पटकथा लिखना चाहती है.
2025 की तैयारी का आगाज
पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है कि यह महासभा चिराग पासवान के 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियों का आगाज है. उन्होंने रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर बड़ा विमर्श छेड़कर सीधे युवाओं और महिलाओं को साधने की रणनीति बनाई है. मुजफ्फरपुर का यह कार्यक्रम साफ संदेश देता है कि चिराग पासवान बिहार की राजनीति में खुद को मुख्यमंत्री पद के विकल्प के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं का जोश उनके इस सपने को हवा दे रहा है.
Also Read: Bihar Election 2025: 40 साल लगे BJP को असफलता की धूल झाड़ने में, तब खिला था बिहार की इस विधानसभा सीट पर कमल