Bihar Bandh: बिहार की राजनीति में 4 सितंबर 2025 का दिन बेहद अहम माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी दलों के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) इस दिन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक पांच घंटे का बिहार बंद करने जा रहा है. यह बंद खासतौर पर BJP महिला मोर्चा की अगुवाई में आयोजित होगा, जिसे NDA ने ‘मातृशक्ति का आक्रोश’ करार दिया है.
क्यों बुलाया गया बंद?
दरअसल, यह बंद विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणी के विरोध में बुलाया गया है. दरभंगा में हाल ही में आयोजित महागठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान RJD और कांग्रेस के नेताओं की जुबानी जंग ने सियासत को गरमा दिया. BJP नेताओं ने इसे सिर्फ मोदी का नहीं बल्कि ‘देश की हर मां का अपमान’ बताया है.
BJP बिहार अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने साफ कहा, “बिहार की धरती माताओं का सम्मान करती है. यह अपमान बर्दाश्त नहीं होगा. NDA इस बंद के जरिए संदेश देगा कि बिहार की महिलाएं किसी भी कीमत पर अपनी गरिमा से समझौता नहीं करेंगी.”
NDA नेताओं का आक्रोश
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मर्यादा और मातृशक्ति दोनों का अपमान है. वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अनिल कुमार ने RJD और कांग्रेस की भाषा को ‘जंगलराज की याद’ करार दिया. NDA नेताओं ने भरोसा दिलाया है कि बंद शांतिपूर्ण रहेगा और जनता को कम से कम असुविधा होगी.
क्या रहेगा बंद, क्या खुलेगा?
- इमरजेंसी सेवाएं: अस्पताल, एम्बुलेंस, पुलिस और फायर ब्रिगेड जैसी सेवाएं पूरी तरह चालू रहेंगी.
- स्कूल-कॉलेज: शिक्षा विभाग की ओर से कोई आधिकारिक छुट्टी नहीं दी गई है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में कुछ निजी संस्थान एहतियातन बंद रह सकते हैं.
- बैंक और वित्तीय संस्थान: सामान्य रूप से खुले रहेंगे, हालांकि प्रदर्शन के कारण कुछ शाखाओं में कामकाज प्रभावित हो सकता है. डिजिटल बैंकिंग सेवाएं चालू रहेंगी.
- ट्रैफिक और सार्वजनिक परिवहन: चक्का जाम के चलते प्रमुख सड़कों और हाईवे पर रुकावट हो सकती है. रेलवे और हवाई सेवाएं सामान्य रहेंगी.
- सरकारी दफ्तर: खुले रहेंगे, लेकिन प्रदर्शन की वजह से कर्मचारियों को दिक्कत हो सकती है.
- बाजार और दुकानें: पटना, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे बड़े शहरों में कई दुकानें सुबह के समय बंद रह सकती हैं, हालांकि ग्रामीण इलाकों में असर सीमित रहेगा.
RJD ने बताया BJP की नौटंकी
NDA के इस बंद पर RJD ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, “BJP को जनता के असली मुद्दों- बेरोजगारी, महंगाई और बाढ़ पर बात करनी चाहिए, न कि नौटंकी करनी चाहिए.” विपक्ष का कहना है कि BJP चुनाव से पहले भावनात्मक मुद्दों को भुनाने में जुटी है. हालांकि, दरभंगा रैली के दौरान RJD के एक नेता पर एम्बुलेंस रोकने का आरोप भी लगा है, जिससे विपक्ष की छवि को नुकसान पहुंचा है. BJP इस मुद्दे को भी जोर-शोर से उठा रही है.
क्यों खास है महिलाओं की अगुवाई?
इस बंद की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे BJP महिला मोर्चा नेतृत्व कर रही है. सड़क पर उतरकर महिलाएं नारेबाजी करेंगी और PM मोदी के सम्मान की मांग उठाएंगी. NDA ने इसे महिलाओं की शक्ति का प्रदर्शन बताया है. कुशवाहा ने कहा, “विपक्ष ने अब तक माफी नहीं मांगी है. यह उनकी अहंकारी मानसिकता दर्शाता है. बिहार की महिलाएं अब चुप नहीं रहेंगी, बल्कि सड़कों पर उतरकर जवाब देंगी.”
सियासी मकसद और 2025 चुनावी गणित
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बंद सिर्फ विरोध का प्रतीक नहीं है, बल्कि NDA का चुनावी दांव भी हो सकता है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले NDA इस मुद्दे के जरिए विपक्ष को “महिला विरोधी और संस्कारहीन” बताने की कोशिश कर रहा है. BJP महिला मोर्चा की अगुवाई में यह बंद NDA को ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों की महिलाओं तक संदेश पहुंचाने का मौका देगा.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बंद भले ही पांच घंटे का हो, लेकिन इसका असर पूरे दिन राजनीति की सुर्खियों में रहेगा. विपक्ष इसे ड्रामा बताए या नौटंकी, मगर NDA के लिए यह महिलाओं के सम्मान को लेकर चुनावी नैरेटिव गढ़ने का सुनहरा अवसर है.
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