Bihar News: संजय गांधी जैविक उद्यान अब सिर्फ घुमने की जगह ही नहीं, बल्कि सीखने और जानकारी का केंद्र भी बन गया है. यहां देश की पहली नेचर लाइब्रेरी बनाई गई है, जो बच्चों और बड़ों दोनों के लिए आकर्षण का नया साधन बन रही है. इस लाइब्रेरी के निर्माण पर करीब आठ लाख रुपये खर्च किए गए हैं. इसे असम से मंगाए गए बांस से बनाया गया है, जिससे इसका लुक प्राकृतिक और सुंदर दिखता है. पहले के निदेशक सत्यजीत कुमार की देखरेख में इसका निर्माण हुआ था. इस लाइब्रेरी को और विकसित करने की योजना है. यहां पेड़-पौधों, वन्यजीवों और पर्यावरण से जुड़ी कई किताबें रखी गई हैं, जो बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ प्रकृति के प्रति जागरूक भी करेंगी.
स्क्रीन के जरिए दी जाती है जानकारी
पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में बनी नेचर एजुकेशन लाइब्रेरी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां बड़ी स्क्रीन के जरिए देशभर के जू से जुड़ी जानकारी दी जाती है. खास तौर पर बच्चों के लिए रोचक पत्र-पत्रिकाएं और किताबें रखी गई हैं ताकि उनमें पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके.
बैठने की व्यवस्था है खास
नेचर लाइब्रेरी में बैठने की व्यवस्था भी खास अंदाज़ में की गई है. यहां टेबल और कुर्सियां असम के बांस से तैयार की गई हैं, जो न केवल मजबूत और टिकाऊ हैं बल्कि प्राकृतिक माहौल का अहसास भी कराती हैं. इससे लाइब्रेरी का वातावरण और भी आकर्षक और पर्यावरण के अनुकूल बन जाता है.
जीव-जंतुओं से रिलेटेड बुक्स हैं मौजूद
लाइब्रेरी में जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों और पर्यावरण से जुड़ी कई किताबें रखी गई हैं. इन पुस्तकों के जरिए बच्चों और लोगों को प्रकृति की अहमियत समझाई जाती है. यह संग्रह न केवल जानकारी देता है बल्कि प्रकृति के लिए रुचि बढ़ाता है.
पिछले साल 2 अक्टूबर को हुई थी शुरुआत
लोगों को आकर्षित करने के लिए लाइब्रेरी में अलग-अलग तरह की गौरैया की मॉडल सजाई गई हैं. जू घूमने आने वाले लोग यहां लाइब्रेरी का भी आनंद उठाते हैं और नई जानकारियां प्राप्त करते हैं. इस लाइब्रेरी की शुरुआत पिछले साल 2 अक्टूबर को की गई थी.
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