Bihar Flood: मुंगेर में गंगा का जलस्तर 39.29 मीटर पर है, जो खतरे के निशान 39.33 मीटर से मात्र 4 सेंटीमीटर कम है. जलस्तर स्थिर जरूर हुआ है, लेकिन लोगों की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही. शहर और गांव दोनों जगह बाढ़ का कहर अब भी जारी है.
गांवों और वार्डों में भरा पानी
सदर प्रखंड के गंगा पार पंचायतों के सभी गांव पानी में डूबे हुए हैं. घरों के आंगन और कमरों में भी पानी भर चुका है. बरियारपुर प्रखंड के 11 पंचायत पूरी तरह प्रभावित हैं. वहीं, नगर निगम क्षेत्र के आधे दर्जन से अधिक वार्डों में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं. बेलन बाजार, मोकबीरा, शिवनगर और हेरू दियारा के नीचले इलाकों में पानी फैला हुआ है, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त है.
बेघर परिवारों की मुश्किलें
लगभग 20-25 दिन पहले बाढ़ के कारण जो लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे थे, वे अब भी वापस नहीं लौट पाए हैं. समाहरणालय के सामने स्थित केसी सुरेंद्र बाबू पार्क और बबुआ घाट पर दर्जनों परिवार पॉलिथीन शीट्स के नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं. जाफरनगर पंचायत के सीताचरण गांव से करीब 100 परिवार अब खानाबदोश की तरह रह रहे हैं.
गंगा कटाव से दहशत
गंगा पार कुतलुपुर पंचायत के वार्ड छह की दर्जनों महिला और पुरुष समाहरणालय पहुंचकर जिलाधिकारी से कटाव रोकने की गुहार लगा चुके हैं. उनका कहना है कि अगर कटाव पर तुरंत रोक नहीं लगी तो पूरे गांव के अस्तित्व पर खतरा मंडरा जाएगा.
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि जब पानी कुछ दिन पहले घटा था तो वे घर लौटे, लेकिन चारों ओर कीचड़ और गंदगी होने के कारण दोबारा बाहर आना पड़ा. अब फिर से पानी बढ़ने से घरों के आंगन डूब गए हैं. मुंगेर की यह त्रासदी एक बार फिर दिखा रही है कि गंगा का उफान केवल जलस्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि हजारों परिवारों की जिंदगी को हर दिन नए संकट में धकेल रहा है.
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