Bihar Crime: बिहार में बैरक से पुलिसकर्मी का शव मिलते ही हड़कंप मच गया. कल शनिवार को बीएमपी तीन में पुलिसकर्मी का शव फंदे से लटकता हुआ मिला. मृतक पुलिसकर्मी की पहचान राजेश कुमार सिंह के रूप में हुई है. राजेश कुमार छपरा जिले के सोनपुर थाना क्षेत्र के गंगाजल गांव के रहने वाले थे. वे हाजीपुर में परिवार के साथ रहते थे.
बहन ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक की बहन ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया है और आरोप लगाया है कि उनके भाई की हत्या करके उनके शव को फंदे से लटकाया गया है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. उनकी बहन संगीता कुमारी ने बताया कि उन्हें रात नौ बजे भाई की मौत की खबर मिली. गयाजी पहुंचने पर उन्होंने देखा कि बैरक के अंदर भाई का शव लटका हुआ था. लेकिन उनके घुटने मुड़े हुए थे और पैरों के नीचे रेत पड़ी हुई थी, जिस पर कई लोगों के पैरों के निशान थे.
नहीं बुलाई गई फॉरेंसिक टीम
संगीता ने कहा कि बैरक में रेत का होना और फॉरेंसिक टीम को न बुलाना कई सवाल खड़े करता है. संगीता कुमारी ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके बच्चों के आने का इंतजार किए बिना जबरन उनसे कागजात पर हस्ताक्षर कराए और शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज भेज दिया.
सहकर्मियों पर हत्या का आरोप
मृतक की बहन ने दावा किया कि बैरक के कुछ कर्मियों ने बताया कि एक छोटी सी बात पर झगड़ा हुआ था. राजेश ने शाम को 35 रुपये का भूंजा खरीदा था और सबको बांट रहे थे, जिसमें एक महिला कर्मी भी शामिल थी. इसी बात पर झगड़ा शुरू हुआ, जिसके बाद बैरक के कुछ कर्मियों ने मिलकर उनकी हत्या कर दी और शव को फंदे से लटका दिया. उनकी उम्र 50 वर्ष बताई जा रही है.
पुलिस जांच के बाद होगा खुलासा
संगीता ने बताया कि राजेश सिंह का पिछले चार महीनों से कमांडेंट के साथ मनमुटाव चल रहा था और उन्होंने ट्रांसफर के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पुलिस का पक्ष बीएमपी 3 के पुलिसकर्मी उमेश कुमार ने कहा कि बोधगया थाने में मामला दर्ज कराया जा रहा है और परिजनों के आरोप गलत हैं. उन्होंने इस संबंध में और कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया. अब पुलिस जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी.
(गयाजी से संजीव कुमार सिन्हा की रिपोर्ट)
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