Bihar Train: भारतीय रेलवे ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) से झाझा तक तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने की योजना बनाई है. इस योजना के तहत करीब 17 हजार करोड़ की लागत से डीडीयू से किऊल तक तीसरी और चौथी लाइन बनेगी. इस कड़ी में किऊल से झाझा के बीच सिर्फ तीसरी लाइन का निर्माण किया जाएगा.
विस्तृत डिजाइन तैयारी का काम शुरू
इस परियोजना के लिए रेलवे ने इंजीनियरिंग स्केल प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है. इस प्लान के तहत पटरी कहां और कैसे बिछाई जाएगी, कितनी जमीन की जरूरत होगी और विभिन्न स्टेशनों के पास से लाइन को कैसे निकाला जाएगा, इसको लेकर विस्तृत डिजाइन तैयार किया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार डीडीयू से झाझा के बीच तीसरी लाइन बिछाने के लिए बोर्ड से सहमति मिल चुकी है. अब प्लान के विभिन्न भागों को मंजूरी के लिए बोर्ड के पास भेजने की तैयारी है.
बैठक में हुआ निर्णय
बता दें कि पिछले सप्ताह रेलवे और बिहार सरकार के बीच इस परियोजना को लेकर एक अहम बैठक हुई थी. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे. जिसमें तीसरी और चौथी लाइन के विस्तार से जुड़ी कई बातों पर चर्चा के बाद सहमति बनी थी. उदाहरण के तौर पर गुलजारबाग और पटना साहिब स्टेशनों के बीच बिहार सरकार ने रेलवे को लगभग चार मीटर जमीन देने की मंजूरी दी है. जिससे तीसरी लाइन का निर्माण किया जाएगा.
एलिवेटेड सड़क और सर्विस रोड का भी निर्माण
इसके अलावा समानांतर एलिवेटेड सड़क और तीन मीटर चौड़ा सर्विस रोड भी बनाया जाएगा. जिससे स्थानीय लोगों के आवागमन में सुविधा हो. इससे न सिर्फ रेल लाइन के निर्माण को गति मिलेगी, बल्कि आने वाले दिनों में यातायात की समस्याएं भी कम होंगी.
यहां होगी तीसरी-चौथी लाइन का निर्माण
बता दें कि तीसरी और चौथी रेल लाइन के निर्माण की योजना में पंडित दीनदयाल उपाध्याय से पटना तक तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण किया जाएगा. वहीं, राजेंद्रनगर से फतुहा के बीच तीसरी लाइन बिछाई जाएगी. जबकि, नेऊरा-जटडुमरी-दनियावां के रास्ते फतुहा तक चौथी रेल लाइन का निर्माण होगा. वहीं, फतुहा से किऊल के बीच दोनों लाइनें बनेंगी और किऊल से झाझा के बीच सिर्फ तीसरी लाइन का निर्माण किया जाएगा.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
त्योहार में ट्रैक पर बढ़ता है दबाव
झाझा से डीडीयू के बीच वर्तमान में रोजाना लगभग 280 से 292 ट्रेनें चलती हैं, जो केवल दो ट्रैक के लिए ज्यादा संख्या है. त्योहार के मौके और विशेष अवसरों पर रेलवे स्पेशल और पूजा स्पेशल ट्रेनें भी चलाता है. जिसकी वजह से ट्रैक पर दबाव बढ़ जाता है और देरी की समस्या आम हो जाती है. वहीं, तीसरी और चौथी लाइन बनने के बाद ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी. इससे ट्रेनों के समय पर पहुंचने की संभावना बढ़ेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी. इस विशेष परियोजना से न केवल यातायात की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी गति आएगी.
इसे भी पढ़ें: नालंदा में बाढ़ से हाहाकार: नदी का तटबंध टूटने से घरों में घुसा पानी, पलायन करने पर मजबूर हजारों लोग