पटना के अटल पथ पर सोमवार की शाम को हुए हिंसा मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पटना एसएसपी ने मीडिया से बातचीत के दौरान मंगलवार को बताया कि एक साजिश के तहत सोमवार को बवाल कराया गया. राजनीतिक लाभ लेने के लिए वार्ड पार्षद ने यह बवाल कराया. इसके लिए बाहर से भी आदमी बुलाए गए थे. 60 से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और पूछताछ की गयी. दो मुख्य साजिशकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
सोमवार की शाम को अटल पथ पर हुआ था बवाल
पाटलिपुत्र थाने के इंद्रपुरी में 15 अगस्त को मासूम भाई-बहन की रहस्यमयी मौत के 10 दिन बाद भी जब कांड का खुलासा नहीं हुआ तो गुस्साए लोगों ने सोमवार की शाम को अटल पथ पर जमकर बवाल काटा. मंत्री और पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया. कई गाड़ियों में आग लगा दी. पुलिस को बवाल रोकने के लिए हवाई फायरिंग तक करनी पड़ गयी थी. घटना के ठीक बाद पुलिस ने बयान दिया कि असमाजिक तत्वों ने सुनियोजित हंगामा किया है. पुलिस ने अब इस पूरे षड़यंत्र का खुलासा भी कर दिया.
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62 लोगों को हिरासत में लिया गया
घटना के अगले दिन मंगलवार को पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि पुलिस ने केस दर्ज करके 7 लोगों की गिरफ्तारी घटना की शाम को की थी. उनसे पूछताछ के बाद अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की गयी और 62 लोगों को हिरासत में लिया गया. पता चला कि लोकल और बाहरी लोगों को बुलाकर यह उपद्रव करवाया गया था.
वार्ड पार्षद ने करवाया बवाल- बोले एसएसपी
एसएसपी ने बताया कि यहां के लोकल वार्ड पार्षद जिनका नाम टूटू है, और घोसवारी के रहने वाले श्वेत रंजन इस घटना के दो मुख्य साजिशकर्ता हैं. श्वेत रंजन पेशे से अधिवक्ता बताए जाते हैं लेकिन उनका मुख्य काम लोगों को इकट्ठा करके जगह-जगह धरना प्रदर्शन करना ही है.
बाहर से भी लोगों को बुलवाकर करवाया बवाल
एसएसपी ने बताया कि वार्ड पार्षद टूटू ने एक सप्ताह पहले श्वेत रंजन से मुलाकात की थी और बताया था कि दो मासूम बच्चों की मौत मामले को बड़ा तूल देना है. उन्होंने पहले भी बड़ा बवाल करने की कोशिश की थी लेकिन असफल रहे थे. सोमवार को श्वेत रंजन बाहर से कुछ लोगों को लेकर आए. वार्ड पार्षद टूटू ने लोकल लोगों में अफवाह फैलाकर उन्हें भड़काया. बाहर से आए लोगों ने आगजनी, पथराव और पुलिस पर हमला किया. कुछ महिलाएं भी इसमें शामिल थी.
हिंसा कराने के पीछे क्या थी मंशा?
एसएसपी ने बताया कि वार्ड पार्षद ने राजनीतिक लाभ लेने यह बवाल करवाया. इसके लिए श्वेत रंजन को पैसे भी दिए गए थे. उनकी मंशा यह भी थी कि अगर इसमें मुआवजा मिलेगा तो कुछ हिस्सा उन्हें भी मिले. पुलिस ने दोनों मुख्य साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है. जिनकी भी गिरफ्तारी की गयी उन्हें जेल भेजा जा रहा है.
पीड़ित परिवारों को गुमराह किया
एसएसपी ने बताया कि दोनों मृत बच्चों के परिजनों को इस हंगामे की कोई भनक तक नहीं थी. पीड़ित परिवार का मानसिक रूप से इस्तेमाल किया गया. वो बाहर से आए थे. उन्हें भी पता नहीं था कि इस तरह बाहर से भीड़ लाकर जमा की गयी थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में भी बता दिया गया है. इस केस में हत्या का अबतक कोई सबूत नहीं मिला है.