EBM News Hindi
Leading News Portal in Hindi

Hartalika Teej 2025: पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं करेंगी निर्जला उपवास, हरितालिका तीज को लेकर बाजार गुलजार


Hartalika Teej 2025: झुमरीतिलैया (कोडरमा)-भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के साथ मंगलवार को हरितालिका तीज व्रत करेंगी. परंपरा के अनुसार महिलाएं सोलह शृंगार के साथ लाल परिधान धारण कर निर्जला व्रत रखेंगी. माता गौरी, भगवान शिव और श्रीगणेश की आराधना करेंगी. तीज को लेकर सोमवार को शहर के बाजार में चहल-पहल रही. झंडा चौक, स्टेशन रोड, राजगढ़िया रोड सहित अन्य मार्गों पर लोग पूजन सामग्री व अन्य चीजों की खरीदारी करते दिखे.

हरितालिका तीज पर बाजार गुलजार

तीज को लेकर बाजार में फल और पकवानों की खूब बिक्री हो रही है. बाजार में अनरसा 120 से 240 रुपये, जबकि गुझिया 200 से 350 रुपये किलो में बिक्री हुई. वहीं सेव 50 से 180 रुपये किलो, केला 50 से 80 रुपये दर्जन, खीरा 30 से 80 रुपये किलो तक बिके. दिनभर व्रती महिलाओं के साथ परिजन पूजा सामग्री और पकवानों की खरीदारी में व्यस्त रहे. मिठाई और फल दुकानों में सबसे अधिक भीड़ देखी गयी.

तृतीया तिथि 12:40 बजे तक, पर दिन भर की जा सकती है पूजा

ज्योतिषी विनिता निशु के अनुसार इस बार तृतीया तिथि 26 अगस्त को दोपहर 12:40 बजे तक रहेगी, इसके बाद चतुर्थी तिथि का प्रवेश होगा. हालांकि व्रत और पूजा दिन भर होगा. शुभ प्रदोष काल का समय सायं काल 5 बजे से 6:30 बजे तक रहेगा. इसी समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है.

पूजा विधि और परंपरा

इस दिन मिट्टी अथवा बालू से भगवान शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा बनाकर या उनके चित्र के समक्ष पूजा की जाती है. गणेश जी को दूर्वा अर्पित करने के बाद शिवजी का कच्चे दूध से अभिषेक किया जाता है. बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमीपत्र, भस्म और विभिन्न पुष्प अर्पित कर श्रद्धा से पूजा की जाती है. माता पार्वती को श्रृंगार सामग्री, चुनरी और सुहाग की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. विशेष प्रसाद में भींगे चने, छिलके वाला मकई, खीरा, मौसमी फल तथा ठेकुआ, गुझिया, अनरसा शामिल होते हैं. महिलाएं माता पार्वती को अर्पित सिंदूर से अपनी मांग भरती हैं. सुहागिनें खोइछा का आदान-प्रदान करती हैं. पूजन के बाद रात्रि जागरण का विशेष महत्व माना गया है. प्रातःकाल फिर से पूजन कर व्रत कथा सुनने और आरती के बाद व्रत का समापन होता है.

घर-घर में सजी तीज थाली

तीज के अवसर पर घरों में विशेष व्यंजन बनने लगे हैं. घी में तले ठेकुआ, खस्ता गुझिया, मीठा अनरसा और मौसमी फल पूजा की थालियों को सुगंधित बना रहे हैं. व्रत के लिए कई घरों में कल से ही लहसुन-प्याज का उपयोग बंद कर दिया गया. घर-आंगन की साफ-सफाई की गयी.

ये भी पढ़ें: झारखंड में घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की तैयारी शुरू, मतदाता सूची के पुनरीक्षण का आदेश