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INDIA ब्लॉक के उपराष्ट्रपति के प्रत्याशी जस्टिस सुदर्शन रेड्डी पर रविशंकर प्रसाद ने उठाए गंभीर सवाल


Ravi Shankar Prasad on Justice Sudershan Reddy Controversy: पटना में उपराष्ट्रपति पद के लिए इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा के बाद सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जस्टिस सुदर्शन रेड्डी वर्ष 2011 में सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले से जुड़े रहे हैं, जब उन्होंने छत्तीसगढ़ में सलवा जुडूम मामले पर महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया था. उस फैसले को लेकर तत्कालीन गृहमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह टिप्पणी की थी कि इस निर्णय के कारण माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने में कठिनाइयां आएंगी.

रविशंकर प्रसाद ने क्या कहा ? 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आज जब विपक्षी गठबंधन ने जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है, तब यह जरूरी है कि उनके न्यायिक निर्णयों और उनसे जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो. उन्होंने कहा कि अगर गृह मंत्री अमित शाह ने उनके फैसले पर टिप्पणी की थी, तो इसमें गलत क्या है? यह एक तथ्य है कि उस फैसले ने केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों पर प्रत्यक्ष असर डाला था और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे.

विपक्ष से किया सवाल 

भाजपा सांसद ने जोर देकर कहा कि उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के लिए किसी भी उम्मीदवार के अतीत, उनके कार्यकाल और उनके द्वारा लिए गए फैसलों पर सवाल उठना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर उन्होंने जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को ही क्यों चुना, जबकि उनके फैसले पर खुद गृह मंत्री ने गंभीर आपत्ति जताई थी.

INDIA गठबंधन पर लगाया आरोप 

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अक्सर ऐसे लोगों को आगे लाते हैं जिनकी भूमिका विवादित रही है. रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन केवल सत्ता के लिए एकजुट हुआ है, उन्हें देशहित से कोई लेना-देना नहीं है.

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उपराष्ट्रपति के प्रत्याशी को लेकर छिड़ी बहस 

इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में नई बहस छिड़ गई है. भाजपा लगातार इंडिया गठबंधन के फैसलों पर सवाल उठा रही है और उपराष्ट्रपति पद के लिए घोषित उम्मीदवार को लेकर भी विपक्ष को कठघरे में खड़ा कर दिया है. वहीं, माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासत और गरमा सकती है.