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ब्रांडेड जूते का सपना और रेस्टोरेंट की कामयाबी, ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ से आत्मनिर्भर बन रहे शेखपुरा के युवा


Bihar Success Story: बिहार सरकार लोगों को आत्‍मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. उद्योग विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से न सिर्फ युवा बल्कि हर उम्र के लोग अपने सपनों को पूरा कर रहे हैं. युवा ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ और ‘बिहार लघु उद्यमी योजना’ जैसी योजनाओं से न सिर्फ सपनों को पंख लग रहे हैं, बल्कि युवा घर की जिम्मेदारी भी उठा रहे हैं और लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. 

10 लाख में शुरू किया व्यवसाय 

शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड के वीरेंद्र चौधरी और सूरज कुमार ने घर की परिस्थिति को देखते हुए अपना व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया. इन्हें मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद आवेदन किया और इन दोनों का चयन भी हो गया. योजना का लाभ लेकर वीरेंद्र चौधरी ने जूता निर्माण का छोटा सा प्लांट शुरू किया और सूरज कुमार ने रेस्टोरेंट खोला. 10 लाख रुपये की सहायता से आज वह अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला रहे हैं और अपने साथ-साथ कई अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. वीरेंद्र चौधरी के जूता निर्माण प्लांट में कई लोग काम कर रहे हैं.

सूरज कुमार ने क्या कहा ? 

Bihar: ब्रांडेड जूते का सपना और रेस्टोरेंट की कामयाबी, ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ से आत्मनिर्भर बन रहे शेखपुरा के युवा 3

सूरज कुमार ने बताया कि मैं बेरोजगार था. हम बीकॉम की पढ़ाई कर नौकरी की तलाश कर रहे थे. साथी ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ के तहत 10 लाख रुपए का सरकारी अनुदान दे रही है. इसके बाद सूरज कुमार अपने दोस्त के साथ उद्यमी ऑफिस गए और लोन के लिए आवेदन किया. लोन भी कुछ दिन बाद अप्रूव हो गया. 10 लाख रुपए के अनुदान से एक छोटा सा रेस्टोरेंट खोलकर अपने परिवार और खुद का जीवनयापन कर रहे हैं और साथ में लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री से लोन की राशि बढ़ाने की अपील की है.

जूता कारोबारी ने क्या कहा ? 

जूता कारोबारी वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि वह हरियाणा में नौकरी करते थे. यहां आने के बाद पता चला कि सरकार की ओर से बिहार में रोजगार करने के लिए लोन दिया जा रहा है. फिर क्या था, ‘मुख्यमंत्री उद्यमी योजना’ के लिए आवेदन किया और 10 लाख रुपए का लोन लिया. इस लोन की रकम से जूते का कारोबार शुरू किया और कइयों को रोजगार दे दिया. खुश हैं कि अपने सपनों को अपने प्रदेश में रहकर रंग दे रहे हैं.

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बना सकते हैं ब्रांडेड जूता 

छोटा सा मलाल है. बताते हैं कि ब्रांडेड कंपनियों की तर्ज पर वो भी जूता बनाने का हुनर रखते हैं. बस कुछ मशीनों के अभाव में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. हिम्मत हारी नहीं है और यकीन के सहारे विभाग से आग्रह किया है. कहते हैं, “इसकी मांग हमने विभाग से की है. डीएम ने आश्वासन दिया है कि इसको लेकर विचार किया जाएगा. अभी 10 लोगों को कारोबार से जोड़ा गया है, आने वाले समय में और लोगों को जोड़ा जाएगा.” उन्‍होंने युवाओं से अपील की कि है वे अपने कौशल को प्रदेश में आकर निखारें.