Nirsa News: निरसा विधायक अरूप चटर्जी की नाराजगी का खामियाजा निरसा पॉलिटेक्निक में नामांकन के लिए चयनित 30 छात्रों को झेलना पड़ा. थर्ड राउंड की काउंसेलिंग में चयनित 40 छात्रों को सोमवार को अंतिम दिन नामांकन लेना था. सुबह 8 बजे से नामांकन शुरू हुआ. 31 छात्रों का नामांकन बाकी था, तभी एक छात्र का नामांकन स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) के अभाव में फंस गया. चंदनकियारी के रहने वाले इस छात्र का चयन माइनिंग ब्रांच में हुआ है.
एडमिशन इंचार्ज ने नहीं मानी निरसा विधायक की बात
वह 23 अगस्त से शुरू होने वाले जैक बोर्ड की इंटरमीडिएट सप्लीमेंट्री परीक्षा में शामिल होने वाला है. इसलिए उसने स्कूल से एसएलसी नहीं लिया था. प्रबंधन ने इसके बिना नामांकन लेने से इनकार कर दिया. तब छात्र के अभिभावक ने निरसा विधायक से संपर्क किया. विधायक ने भी पैरवी की, लेकिन संस्थान के एडमिशन इंचार्ज ने स्पष्ट कहा कि एसएलसी के बिना नामांकन नहीं होगा.
विधायक ने रोक दी नामांकन की प्रक्रिया
यह बात विधायक को नागवार गुजरी. वह तुरंत संस्थान पहुंचे और पूरी नामांकन प्रक्रिया रोक दी. नामांकन प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. गुस्से में उन्होंने प्राचार्य समेत सभी शिक्षकों और कर्मियों को बाहर निकालकर पॉलिटेक्निक के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया और वहां से चले गये. इस दौरान प्राचार्य गणेश प्रसाद उनसे माफी मांगते रहे और नियम समझाते रहे, लेकिन विधायक नहीं माने. शाम 7 बजे तक ताला नहीं खोला गया था.
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Nirsa News: शाम तक छात्रों ने किया इंतजार
नामांकन से वंचित छात्र शाम 5 बजे तक पॉलिटेक्निक परिसर में डटे रहे. ताला लगे होने के कारण उनका नामांकन नहीं हो सका. इसके बाद प्रबंधन ने सभी छात्रों से जेसीइसीइबी के नाम आवेदन लिया. इसमें पूरे घटनाक्रम का उल्लेख कर दोबारा नामांकन लेने का आग्रह किया गया. आवेदन जेसीइसीइबी को भेज दिया गया है.
उपायुक्त ने किया हस्तक्षेप
शाम तक ताला नहीं खुला, तो प्रबंधन ने उपायुक्त आदित्य रंजन से संपर्क किया. उपायुक्त ने विधायक से बात कर भरोसा दिलाया कि एसएलसी के अभाव में किसी छात्र का नामांकन नहीं फंसेगा. आश्वासन के बाद विधायक ने चाबी प्राचार्य को भेज दी.
प्रंबधन को थाने बुलाया गया
इस घटना के बाद शाम में पॉलिटेक्निक प्रबंधन को निरसा थाने में बुलाया गया. प्रबंधन से मामले की जानकारी ली गयी. हालांकि, प्रबंधन की ओर से इस मामले में कोई लिखित शिकायत नहीं की गयी है.
चंदनकियारी के छात्र के पास एसएलसी नहीं था. मैंने नामांकन प्रभारी केपी यादव को समय देने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने बद्तमीजी से बात की. विवश होकर मैं संस्थान गया, फिर भी वे अड़े रहे. उपायुक्त के आग्रह पर चाबी प्राचार्य को भेज दिया है. सिर्फ एसएलसी के लिए नामांकन रोकना सही नहीं है. इस मामले को आगे रखूंगा और केपी यादव पर कार्रवाई होनी चाहिए.
अरूप चटर्जी, निरसा विधायक
नामांकन के लिए एसएलसी अनिवार्य है. जेसीइसीइबी का स्पष्ट निर्देश है कि इसके बिना नामांकन नहीं होगा. हमने यह बात विधायक को समझायी और बाद में उपायुक्त व जेसीइसीइबी को जानकारी दी. 30 छात्रों ने नामांकन न होने की शिकायत की है.
गणेश प्रसाद, प्राचार्य निरसा पॉलिटेक्निक
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