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रक्षाबंधन की सुबह मां ने बच्चों को शरीर से बांधा, फिर नहर में छलांग लगाकर सदा के लिए जुदा हो गई


Banda News: बांदा के नरैनी में रक्षाबंधन की सुबह दर्दनाक घटना हुई. घरेलू कहासुनी के बाद रीना (30) ने अपने तीन मासूम बच्चों को शरीर से बांधकर केन नहर में छलांग लगा दी. 10 घंटे की तलाश के बाद चारों शव बरामद हुए. गांव में मातम छाया, खुशियों का पर्व शोक में बदल गया.

Banda News: रक्षाबंधन के दिन जब चारों ओर भाई-बहन के स्नेह का पर्व मनाया जा रहा था, बांदा के नरैनी में एक परिवार पर ऐसा कहर टूटा जिसने गांव को सदमे में डाल दिया. सुबह का वक्त था, लेकिन नहर के किनारे खड़े लोगों के चेहरे पीले पड़ गए. जिन मासूम हाथों में राखी बंधने का इंतज़ार था, वे ठंडे पानी में थमे पड़े थे. 30 वर्षीय रीना ने अपने तीन बच्चों हिमांशु (9), अंशी (5) और प्रिंस (3) को लाल बेडशीट से बांधकर केन नहर में छलांग लगा दी. यह दृश्य देखकर हर किसी के होंठों पर बस एक ही बात थी “हाय राम, यह क्या हो गया?”

ममता या मजबूरी: बच्चों को बांध कर डुबोया खुद को भी

घटनास्थल का नजारा दिल को झकझोर देने वाला था. मां ने अपनी ममता को आखिरी सांस तक बच्चों से बांधे रखा. छोटे बेटे प्रिंस को कमर से लाल बेडशीट से कसकर बांध रखा था, जबकि बड़े बेटे हिमांशु और बेटी अंशी को अपने दोनों हाथों से थाम रखा था. गांव वाले बताते हैं कि यह दृश्य किसी को भी अंदर तक तोड़ सकता था. किसी ने कहा “मां ने शायद सोचा कि उसके बाद बच्चे अकेले कैसे जियेंगे, इसलिए उन्हें भी साथ ले गई.” लेकिन यह सवाल आज भी हर किसी को परेशान कर रहा है कि आखिर रीना को इतना बड़ा कदम उठाने पर किसने मजबूर कर दिया.

पति से कहासुनी बनी मौत की वजह?

रीना के पति अखिलेश तीन महीने पहले सूरत से गांव लौटा था और शुक्रवार की रात दोस्तों के साथ कच्ची सड़क के पास शराब पार्टी में चला गया. देर रात करीब 10 बजे जब वह नशे में घर लौटा, तो रीना ने रक्षाबंधन का हवाला देकर उसे फटकार लगाई. गांव वालों के मुताबिक, इस फटकार के बाद दोनों के बीच कहासुनी हुई और फिर पति सोने चला गया. लेकिन रीना का मन टूट चुका था. रात के अंधेरे में वह बच्चों को लेकर घर से निकली और सीधा नहर की ओर बढ़ गई. कोई नहीं जानता कि उस वक्त उसके मन में कितनी पीड़ा और गुस्सा उमड़ रहा था.

सुबह मिले चप्पल और कंगन, फिर शुरू हुई तलाश

शनिवार सुबह जब गांव वालों ने नहर किनारे एक जोड़ी चप्पल और रीना का कंगन पड़ा देखा, तो उनके दिल बैठ गए. तुरंत पुलिस को खबर दी गई. कोतवाली इंस्पेक्टर राममोहन राय मौके पर पहुंचे और गोताखोरों को बुलाया गया. करीब 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद घटनास्थल से 50 मीटर दूर चारों के शव बरामद किए गए. पानी से निकाले जाने के बाद मां और बच्चों के शवों को देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखें भर आईं. उस वक्त नहर किनारे सिर्फ सिसकियां और बुदबुदाते होंठ थे.

सास-ससुर और मायके का दर्द

रीना की सास सदा देवी बार-बार यही कह रही थीं, “कल तक हंसने-बोलने वाली बहू और गोद में खेलने वाले नाती-नातिन थे, आज सब मिट्टी हो गए.” ससुर चंद्रपाल घटना के बाद एक शब्द भी नहीं बोल पा रहे थे. रीना की छोटी बहन सीमा, जो उसी घर में ब्याही थी, रो-रोकर कह रही थी कि बहन ने कभी शिकायत नहीं की, लेकिन शायद अंदर ही अंदर घुट रही थी. मायके पक्ष भी यह मानने को तैयार नहीं कि रीना और अखिलेश के बीच कभी विवाद नहीं था. अब सभी के पास बस सवाल हैं, जवाब कोई नहीं.

15 दिन में चौथी डूबने की घटना

नरैनी क्षेत्र में महज पखवाड़े भर में यह चौथी डूबने की घटना है, लेकिन इस बार नहर ने एक साथ चार जिंदगियां निगल लीं. 26 जुलाई को एक बच्चा नहर में डूबा, 30 जुलाई को एक युवक, 2 अगस्त को एक शिक्षिका और अब 9 अगस्त को यह दर्दनाक घटना. गांव के बुजुर्ग कहते हैं कि नहर अब उनके लिए डर और मातम की जगह बन गई है. इस बार तो रक्षाबंधन का त्योहार ही मातम में बदल गया.