Bihar’s Youngest Lady Mukhiya Puja: बिहार की गया जी की गरारी पंचायत की युवा मुखिया पूजा कुमारी ने मिसाल कायम कर दी है. अपनी पंचायत में किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें इस 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का अवसर मिलेगा. यह गौरव सिर्फ पूजा का नहीं पूरे बिहार का है.
पूजा राज्य की सबसे युवा और दो बार निर्वाचित मुखिया हैं. गरारी पंचायत को उन्होंने महिला सशक्तीकरण और विकास का मॉडल बना दिया है. मनरेगा और स्वयं सहायता समूहों के जरिए उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया. उन्होंने गया जिले की पहली महिला आमसभा कर महिलाओं की भागीदारी को नयी पहचान दी. उनकी पंचायत में हर बुधवार जनता दरबार में जनता की समस्याएं सुनी जाती हैं.
स्कूलों में चहारदीवारी, पुस्तकालय, पोषणयुक्त रसोई और नल-जल योजना के सफल कार्यान्वयन से पंचायत की तस्वीर बदल गयी है. पूजा मानती हैं कि नेतृत्व के लिए महिलाओं को किसी मुखिया पति की जरूरत नहीं. पूजा आज गांव की नहीं, देश की प्रेरणा बन चुकी हैं.
20 साल की उम्र में लड़ा पंचायत चुनाव, उम्र पर संदेह के चलते रद्द हुई थी सदस्यता
साल 2021, जब पूजा महज 20 साल की थीं, उन्होंने पंचायत चुनाव में नामांकन भरा. उम्र की बाधा के बावजूद उन्होंने चुनाव लड़ा और जीत गईं. लेकिन जब चुनाव आयोग को उनकी उम्र पर संदेह हुआ, तो जांच के बाद 2023 में उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई. उस समय पूजा ने हार नहीं मानी, बल्कि इसे एक सबक और चुनौती की तरह लिया.
उपचुनाव में दुबारा जीत दर्ज कर बनी मुखिया
2023 में जब गरारी पंचायत में उपचुनाव हुआ, तो पूजा ने एक बार फिर ताल ठोकी. इस बार उनकी उम्र भी नियमों के अनुसार थी. उन्होंने मैदान में दो और तीन गुना उम्र वाले दावेदारों को हराया और फिर से पंचायत की मुखिया बनीं. यह चुनाव सिर्फ एक जीत नहीं थी, यह उस जिद, जुनून और जनता के भरोसे की जीत थी.
मुखिया बनने के बाद पूजा ने मनरेगा और स्वयं सहायता समूहों के जरिए महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया. गया जिले की पहली महिला आमसभा का आयोजन कर उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि महिलाएं सिर्फ ‘भागीदारी’ की हकदार नहीं, बल्कि वे नेतृत्व की धुरी बन सकती हैं. उन्होंने अपने पंचायत में जनता दरबार, स्कूलों में सुविधाएं, और नल-जल योजना जैसे कामों को नया आयाम दिया.
इन तमाम कामों और योगदानों को देखते हुए पूजा कुमारी को इस 15 अगस्त को दिल्ली बुलाया गया है, जहां वे लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रित अतिथि के रूप में मौजूद होंगी. यह पल सिर्फ पूजा या गया जिला के लिए नहीं, बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है.
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