Bihar News: मुजफ्फरपुर पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो फर्जी NGO के नाम पर करोड़ों की ठगी कर रहा था. इस गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं. जांच में सामने आया कि इन्होंने एक्सिस बैंक में फर्जी NGO के दस्तावेजों से खाता खोलकर ₹8.33 करोड़ की साइबर ठगी की. यह मामला तब उजागर हुआ जब 6 अगस्त को SKMCH ओवरब्रिज के पास एक होटल में तीन युवकों के बीच पैसे को लेकर झगड़ा हुआ और पुलिस वहां पहुंच गई.
फर्जी NGO के नाम पर खाता, फिर करोड़ों की ठगी
पुलिस ने होटल से तीन युवकों को हिरासत में लिया अभिषेक पांडेय (अमेठी, यूपी), कृष्णा कुमार सिंह और विक्रम कुमार सिंह (मधुबनी, बिहार) उनके पास से NGO से जुड़े दस्तावेज, चेकबुक, पासबुक और मोबाइल जब्त किए गए. पूछताछ में पता चला कि ये सभी “राम प्यारी नंदलाल सेवा संस्थान” नाम के एक फर्जी NGO के जरिए लेन-देन कर रहे थे. उन्होंने ₹8.33 करोड़ की ठगी करना स्वीकार किया है.
गुड्डु कुमार की गिरफ्तारी से मिले कई इलेक्ट्रॉनिक सबूत
गिरफ्तार युवकों की निशानदेही पर मुशहरी थाना क्षेत्र से एक और आरोपी गुड्डु कुमार को पकड़ा गया. उसके पास से फिंगरप्रिंट स्कैनर, बायोमेट्रिक डिवाइस, फर्जी आधार पावती, NGO की मोहरें, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए. गुड्डु ने स्वीकार किया है कि वह फर्जी आधार कार्ड बनाकर देशभर में ठगी का नेटवर्क संचालित करता था.
देश के कई राज्यों से जुड़े हैं साइबर ठगी के तार
पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है कि गिरोह के मोबाइल नंबर और खातों से देश के अलग-अलग राज्यों में 20 से अधिक साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हैं. रिमांड पर लेने के लिए अन्य राज्यों की पुलिस से समन्वय किया जा रहा है.
सैकड़ों दस्तावेज समेत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद
छापेमारी में पुलिस ने कुल 6 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 6 डेबिट कार्ड, कई पासबुक, चेकबुक, आधार कार्ड, NGO की मोहरें, बायोमेट्रिक स्कैनर, रेटिना स्कैनर और ड्राइविंग लाइसेंस सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं. मामला साइबर थाना कांड संख्या 79/25 के तहत दर्ज किया गया है. आगे की जांच जारी है और अन्य ठिकानों पर भी पुलिस कार्रवाई कर रही है.
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