Rahul Gandhi: चाईबासा/जमशेदपुर-लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को चाईबासा के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गयी. मानहानि मामले में बुधवार को सुप्रिया रानी तिग्गा की अदालत में वे उपस्थित हुए. कोर्ट में राहुल गांधी को मामले का सारांश सुनाया गया. राहुल गांधी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. इसके बाद न्यायालय ने आरोप गठित किया. अब गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी. राहुल गांधी ने कोर्ट में अंडरटेकिंग दी कि वह आगे की न्यायिक प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे.
शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने किया जमानत का विरोध
कोर्ट में शिकायतकर्ता भाजपा नेता प्रताप कटियार के अधिवक्ताओं ने जमानत का विरोध किया. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता बिनोद साहू ने कहा कि राहुल गांधी कोर्ट का सम्मान नहीं करते, क्योंकि वह सात साल बाद और गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद कोर्ट पहुंचे हैं. उन्होंने राहुल गांधी की अंडरटेकिंग के साथ सजा की भी मांग की, लेकिन कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया और केवल अंडरटेकिंग को ही स्वीकार किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने राहुल गांधी को जमानत दे दी. उनके जमानतदार के रूप में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, जगन्नाथपुर के विधायक सोनाराम सिंकु और पहचानकर्ता कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास थे.
हेलीकॉप्टर से पहुंचे चाईबासा, करीब 25 मिनट कोर्ट में रहे
राहुल गांधी बुधवार सुबह 10:00 बजे हेलीकॉप्टर से चाईबासा पहुंचे. वे टाटा कॉलेज मैदान (चाईबासा) में बने हेलीपैड पर उतरे, फिर चाईबासा परिसदन गये. वहां कुछ देर विश्राम करने के बाद सुबह 10:55 बजे चाईबासा सिविल कोर्ट परिसर स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट पहुंचे. सुबह 11 बजे उनकी पेशी थी. वे न्यायालय में करीब 25 मिनट तक रहे. इस दौरान कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद थी. कोर्ट परिसर में उनकी गाड़ी को एंट्री दी गयी. उनके साथ चल रही अन्य गाड़ियों को एंट्री नहीं दी गयी.
कागजी प्रक्रिया पूरी कर बाहर निकले राहुल
चाईबासा कोर्ट में पेशी के लिए जाने के दौरान राहुल गांधी पूरे आत्मविश्वास में नजर आये. कोर्ट में उन पर लगे आरोप को पढ़कर सुनाया गया. फिर उनका बयान लिया गया. इसके बाद आरोप गठित किया गया. फिर कागजी प्रक्रिया पूरी कर बाहर निकले. कोर्ट के पोर्टिको में उनकी गाड़ी लगी थी, जिसमें बैठकर राहुल गांधी बाहर आये और सीधे हेलीपैड के लिए रवाना हो गये.
क्या है मामला?
28 मार्च 2018 को कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके खिलाफ भाजपा नेता प्रताप कुमार कटियार ने धारा 500 के तहत केस किया था. राहुल गांधी ने चाईबासा के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के 2 जून 2025 के आदेश को चुनौती देते हुए झारखंड हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें 26 जून को पेश होने का निर्देश दिया गया था. उनके वकील ने झारखंड हाईकोर्ट को सूचित किया कि उनके मुवक्किल उस दिन पेश नहीं हो पाएंगे. इसके बजाय उन्होंने हाइकोर्ट से गांधी को चाईबासा कोर्ट में पेश होने के लिए 6 अगस्त के बाद की तारीख देने का अनुरोध किया. हाईकोर्ट ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया. राहुल गांधी ने अपनी याचिका में उल्लेख किया था कि उन्होंने चाईबासा की अदालत में पेश होने से छूट की मांग करते हुए पहले ही याचिका दायर की है. उनकी याचिका हाईकोर्ट में लंबित है. इसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें 6 अगस्त को चाईबासा के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था.
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