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मच्छरदानी में पहले से ही छिपकर बैठा था कोबरा, सांप ने सोते वक्त होमगार्ड जवान को काटा, मौत


Bihar News: औरंगाबाद के देव थाना क्षेत्र के कटैया गांव में विषैले सांप के काटने से 26 वर्षीय होमगार्ड जवान की मौत हो गयी. मृत जवान की पहचान कटैया निवासी राजकिशोर प्रसाद के पुत्र अमित कुमार के रूप में हुई है. परिजनों की माने तो शनिवार की रात खाना खाने के बाद जवान सोने के लिए बिस्तर पर चला गया. पहले से ही मच्छरदानी लगी हुई थी और उसी मच्छरदानी में कोबरा छिपकर बैठा हुआ था. जैसे ही जवान बिस्तर पर लेटे, वैसे ही उसे सांप ने काट लिया. जवान के शोरगुल मचाने के बाद परिजन वहां पहुंचे और आनन-फानन में उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. सदर अस्पताल में ड्यूटी पर रहे डॉक्टरों द्वारा उसे एंटी वेनम का दो डोज दिया गया. इसके बाद उसे यह कहकर रेफर दिया गया कि अस्पताल में एंटी वेनम डोज नहीं है. रेफर करने के बाद परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए नारायण मेडिकल कॉलेज जमुहार ले जा रहे थे. इसी दौरान बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी.

सदर अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा

होमगार्ड जवान की मौत के बाद परिजन शव को लेकर पुनः सदर अस्पताल पहुंचे और हंगामा करने लगे. हंगामा होते देख ड्यूटी में कार्यरत चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मी फरार हो गये. हंगामा की सूचना पर प्रभारी सीएस डॉ रवि रंजन और अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार अस्पताल पहुंचे और परिजनों को समझा-बूझाकर शांत कराया. परिजनों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों ने बताया कि शुरू में ही यह कह दिया गया कि अस्पताल में एंटी वेनम डोज समाप्त हो गया है.

होमगार्ड जवान की मौत

अस्पताल में हंगामा और होमगार्ड जवान की मौत की सूचना पर नगर थाने की पुलिस पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया. पोस्टमार्टम के बाद शव दाह संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया. घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल में मरीज का उचित इलाज किया गया था. परिजनों के हंगामे के कारण चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी भाग खड़े हुए.

तीन साल पहले होमगार्ड में लगी थी नौकरी

सदर अस्पताल में परिजनों ने बताया कि अमित अपने माता-पिता का इकलौता संतान था. तीन साल पहले होमगार्ड में उसकी नौकरी लगी थी. वर्तमान में वह औरंगाबाद समाहरणालय स्थित लोक जन शिकायत कार्यालय में तैनात था. उसकी दो बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. ऐसे में पिता राज किशोर के लिए वह जीवन का एकमात्र सहारा था. बेटे की मौत से पिता सदमे में हैं. मां व बहनों का रो रोकर बुरा हाल है. समाजसेवी संजीव कुशवाहा ने कहा कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इलाज में लापरवाही बरती जाती है.

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