भभुआ सदर. शहर में लगातार बढ़ती गर्मी और उमस ने लोगों की नींद उड़ा दी है़ स्थिति और भी बदतर तब हो जाती है, जब आधे शहर में लोकल फॉल्ट और रिपेयरिंग के नाम पर घंटों बिजली काट दी जाती है़ शुक्रवार रात फीडर संख्या तीन से जुड़े एकता चौक, पूरब मुहल्ला सहित आसपास के क्षेत्रों में पूरी रात बिजली आंखमिचौनी खेलती रही़ इस कारण लोग उमस और मच्छरों से बेहाल होकर रात भर जागते रहे़ बिजली विभाग से जानकारी लेने पर पता चला कि एसपी आवास के पास पेड़ की टहनियों के टकराने से 11 हजार वोल्ट की लाइन में फॉल्ट आ गया़ इससे एक्सलेटर बर्स्ट हो गया और आधी रात से सुबह तक प्रभावित इलाकों की बिजली पूरी तरह गुल रही़ इससे क्षेत्र के संजय जायसवाल, प्रमोद मिश्र, प्रहलाद राम, अनिल तिवारी, विनोद प्रजापति सहित कई लोगों ने नाराजगी जतायी़ उनका कहना है कि गर्मी और उमस के इस मौसम में यह समस्या लगातार बनी रहती है़ विभाग के दिये गये नंबर पर शिकायत करने पर केवल लोकल फॉल्ट बताकर जल्द आपूर्ति का आश्वासन दिया जाता है, लेकिन उस पर अमल नहीं होता़ चार फीडरों से होती है बिजली की आपूर्ति गौरतलब है कि एसबीपीडीसीएल द्वारा भभुआ शहर में बिजली आपूर्ति के लिए चार फीडरों की व्यवस्था की गयी है़ इनमें से फीडर संख्या तीन पर सबसे अधिक लोड है, जिससे आये दिन लोकल फॉल्ट होते हैं और सप्लाई बाधित होती है़ वार्ड संख्या 15 के निवासी जुबैर अंसारी, मुन्ना खान, पप्पू, अशोक, विजय राम आदि ने बताया कि दिन में तो किसी तरह समय गुजर जाता है, लेकिन रात में बार-बार बिजली जाने से नींद पूरी नहीं हो रही, जिससे अगला दिन भी प्रभावित होता है़ विभाग की सफाई और समाधान की जरूरत इस संबंध में सहायक विद्युत अभियंता (शहरी) रामाकांत सिंह ने कहा कि गर्मी के कारण लोकल फॉल्ट की घटनाएं बढ़ गयी हैं. विभाग की ओर से फॉल्ट की जानकारी मिलते ही मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाता है़ शुक्रवार को 11 हजार वोल्ट के एक्सलेटर में फॉल्ट आने से बिजली कटौती करनी पड़ी़ शहरवासियों की मांग है कि हर इलाके की बिजली व्यवस्था की जवाबदेही तय की जाए़ उपकरणों की समय-समय पर जांच हो और फॉल्ट की स्थिति में मरम्मत के लिए निश्चित समय सीमा तय की जाए़ साथ ही, समय पर काम नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो, ताकि इस समस्या का स्थायी समाधान निकल सके़
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है