Bihar Teacher: बिहार में स्कूली बच्चों की सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मौतों पर सरकार अब सख्त रुख अपना रही है. हर साल सैकड़ों बच्चे असमय सड़क हादसों में जान गंवा देते हैं. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के आंकड़ों के मुताबिक, सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों में करीब 10 प्रतिशत स्कूली बच्चे होते हैं. यह चिंताजनक स्थिति अब शिक्षा और परिवहन विभाग दोनों को सक्रिय मोड में ला चुकी है.
हर स्कूल में बनेगा रोड सेफ्टी मॉडल
अब राज्य के सरकारी व निजी स्कूलों में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत हर विद्यालय में एक नोडल शिक्षक नामित कर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये नोडल शिक्षक स्कूलों में चेतना सत्र आयोजित कर बच्चों को सड़क पर सुरक्षित रहने के टिप्स देंगे.
इस सत्र में सड़क सुरक्षा गीत, लघु फिल्म और इंटरैक्टिव एक्टिविटी के जरिए बच्चों को जागरूक किया जाएगा. साथ ही स्कूल के आसपास ‘सेफ जोन’ बनाए जाएंगे, जहां बच्चों का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जाएगा.
ई-लर्निंग मॉड्यूल से होगी ट्रेनिंग
शिक्षकों को सड़क सुरक्षा से जुड़ा प्रशिक्षण केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा तैयार ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए दिया जाएगा. इसमें स्कूली बसों में चढ़ने-उतरने के नियम, आपातकालीन स्थिति में प्राथमिक उपचार, यातायात के नियम और वाहन चालकों के व्यवहार को लेकर भी जानकारी दी जाएगी.
इस पूरे कार्यक्रम में इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (IRTE) तकनीकी मदद दे रही है. शिक्षक दो विशेष पाठ्यक्रम- एपीसी-032 और एपीसी-063 – के जरिए सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों की बारीकी से जानकारी प्राप्त करेंगे.
निजी स्कूलों की गाड़ियों पर भी नजर
अभियान के तहत उन निजी स्कूलों की जांच भी होगी जहां स्कूली वाहनों में ओवरलोडिंग, सीट बेल्ट की कमी, अनट्रेंड ड्राइवर, और सड़क नियमों की अनदेखी आम बात है. परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
बीते वर्षों की घटनाएं बनीं चेतावनी
- 28 अप्रैल 2024, नाथनगर: ट्रैक्टर पलटने से एक छात्र की मौत, आधा दर्जन घायल.
- 11 जुलाई 2024: स्कूल से लौटते समय तेज बाइक ने बच्ची को कुचला, इलाज के दौरान मौत.
- दिसंबर 2023: दो छात्रों की मौत लोदीपुर बाइपास पर स्कूली वैन हादसे में.
Also Read: बिहार में नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी, जानें घर बैठे नाम चेक करने का तरीका