दिनारा़ करीब 50 वर्ष पूर्व 1975-76 में बेलवईयां गांव के करीब 100 एकड़ जमीन में से कुछ का लाल पर्चा कटा था. लेकिन, उसका प्रमाणिक दस्तावेज अब तक सामने नहीं आया. लेकिन, उक्त शिवजी सिंह की जमीन पर बेलवईयां, जिगना, धर्मागतपुर, प्रानपुर व करंज गांव के कई ग्रामीण अपना हक बता रहे थे. हाल के वर्षों में 2011 में हाइकोर्ट ने जमीन का स्वामित्व मूल भू-स्वामी को यथावत रखने का आदेश दिया था. इसके बाद से विवाद और गहरा हो गया था, जो गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया. हाइकोर्ट के आदेश पर पुलिस बेलवईयां खेत में हो रही जुताई में किसी तरह का उपद्रव नहीं हो, उसको देख रही थी. इधर, बड़ी संख्या में उपद्रवी दिनारा थाना पहुंच गये. कुर्सी, टेबल आदि को क्षतिग्रस्त कर दिया. थाना से लौटते समय रास्ते में जो पुलिसकर्मी मिले, उनके साथ मारपीट की और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना में दिनारा थानाध्यक्ष कौशल कुमार कौशिक, एसआईइ सबिता कुमारी, दावथ थानाध्यक्ष कृपाल जी, सूर्यपुरा थानाध्यक्ष मनीष शर्मा, बिक्रमगंज के एसडीपीओ कुमार संजय को चोटें आने की सूचना है. इस घटना में सूर्यपुरा थानाध्यक्ष को सिर में गंभीर चोट लगी है. घटना की सूचना पर जिला से अतिरिक्त पुलिस बल के साथ आस-पास के थानों को दिनारा भेजा गया. गोली लगी है या फिर था नाटक इस कांड में कथित तौर पर सासाराम सदर अस्पताल के ट्राॅमा सेंटर में इलाज कराने आये अनिश कुमार पिता रामेश्वर पासवान ग्राम बेलवईयां को गोली कहां लगी है या फिर गोली लगी ही नहीं है. इस संबंध में एसपी रौशन कुमार ने बताया कि चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया है कि जख्मी के कहे अनुसार फायर इंज्यूरी है. जबकि, इस बाबत जख्मी व्यक्ति ने पुलिस को ने कोई आवेदन दिया है और ना ही थाना से इंज्यूरी स्लिप निर्गत करने का कोई अनुरोध किया गया है. यह जानबूझकर माहौल खराब करने की नियत से किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस किसी के पक्ष में नहीं है. हम केवल कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं. उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तारी की कार्रवाई जा रही है. अब तक 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इधर, परिजन एक पक्ष पर लाठी से पीटने और गोली चलाने की बात कहते रहे. बाजार में दिन भर रहा अफरातफरी का माहौल दोपहर 12 बजे के करीब तोड़फोड़ की घटना के बाद से देर शाम तक दिनारा बाजार में अफरा तफरी को माहौल बना रहा. बाजार में पुलिस गश्त बढ़ा दी गयी है. कई थानों की पुलिस जमीन और बाजार में कैंप किये हुए है.
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