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पेंशन भुगतान में बैंक व्यवस्था बहाल करने की मांग


छपरा. बिहार पेंशनर समाज की जिला इकाई ने गुरुवार को सारण जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन व प्रायाणिक के साथ उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की जयंती का आयोजन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्रजेंद्र कुमार सिंहा ने कहा कि प्रेमचंद के उपन्यास एवं उनकी कहानियां कालजई हैं. उनके संदर्भ के पत्र एवं परिवेश आज भी अपने रूपभेद के साथ समाज में विराजमान हैं. समय सापेक्ष के साथ घटनाएं, परिस्थितियां एवं विकृतियां भी हैं. सामाजिक परिवर्तित स्थितियो में उदाहरण भी सापेक्ष है. कामेश्वर प्रसाद सिंह ने उन्हें युगदृष्टा कहा. डॉ अमरनाथ प्रसाद ने प्रेमचंद को सामयिक परिवेश का चितेरा कहा. जबकि प्रो देवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वे हिंदी व उर्दू कहानी के बादशाह थे. इस अव सर पर पेंशनर समाज के सदस्यों ने मांग किया कि पेंशन का भुगतान पूर्ववत बैंक के ही माध्यम से किया जाय. ट्रेज़री की व्यवस्था से पेंशनर परेशान हो रहे हैं. कार्यक्रम में बबन सिंह, डॉ सुरेश प्रसाद सिंह, हरिशंकर प्रसाद, डॉ कृष्ण नंदन सिंह, नन्द किशोर शर्मा, विष्णु शंकर ओझा, मो इसराफील, धर्मनाथ प्रसाद सिंह, डॉ ऐनुल बरौलवी, सुरेश कुमार चौबे आदि उपस्थित थे.

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