Land For Job Scam:बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका लगा है. लालू यादव की उस याचिका को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. अब इस मामले में निचली अदालत की सुनवाई जारी रहेगी.
हाईकोर्ट में लंबित याचिका का हवाला देकर मांगी थी राहत
लालू यादव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि चूंकि दिल्ली हाईकोर्ट में इस केस से जुड़ी याचिका पहले से लंबित है, इसलिए ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को 12 अगस्त तक रोका जाए. यह अर्जी अधिवक्ता मुदित गुप्ता के माध्यम से दायर की गई थी.
लेकिन सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि निचली अदालत की कार्रवाई हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगी. यदि लोअर कोर्ट में आरोप तय हो जाते हैं, तो हाईकोर्ट में लंबित याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा.
पहले भी हो चुकी है राहत से इनकार
इससे पहले 18 जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को इसी मामले में राहत देने से मना कर दिया था. तब लालू ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें ट्रायल रोकने की उनकी मांग ठुकरा दी गई थी.
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ मामला?
यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव केंद्र में रेल मंत्री थे. आरोप है कि इस दौरान रेलवे में ग्रुप-डी पदों पर कई नियुक्तियां नियमों को ताक पर रखकर की गईं. बदले में उम्मीदवारों या उनके परिवारों से लालू यादव के करीबी लोगों के नाम पर जमीन ली गई.
CBI ने इस मामले की जांच की और लालू प्रसाद यादव, उनके परिवार के सदस्यों और कई अन्य के खिलाफ चार्जशीट दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल कर दी है.
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