Bihar News: सिवान डाक विभाग में बड़ी लापरवाही और अनियमितता का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सिवान शहर के आनंद नगर निवासी मनोज कुमार सिन्हा ने डाक निरीक्षक को एक लिखित आवेदन देकर प्रतापपुर शाखा डाकघर में तैनात डाकपाल राकेश कुमार यादव के खिलाफ जांच की मांग की है.
प्रतापपुर शाखा डाकघर का मामला
आवेदन के अनुसार, राकेश कुमार यादव पिछले कई वर्षों से प्रतापपुर शाखा डाकघर में अनुपस्थित हैं. बताया गया है कि, बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे नई दिल्ली की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, इसके बावजूद वे डाक विभाग से नियमित वेतन प्राप्त कर रहे हैं.
विश्वसनीयता पर उठे सवाल
मनोज सिन्हा ने आरोप लगाया है कि, प्रतापपुर डाकघर के सभी आवश्यक अभिलेख जैसे कि दैनिक लेखा आदि किसी अन्य व्यक्ति द्वारा अपडेट किए जा रहे हैं, जिससे सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं. उनका कहना है कि, यदि इन अभिलेखों की जांच की जाए, तो पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सकती है.
अन्य कर्मचारियों के साथ अन्याय
इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि, डाक विभाग में आंतरिक निगरानी प्रणाली बेहद कमजोर है. यदि कोई कर्मी वर्षों तक कार्यालय से अनुपस्थित रहकर भी वेतन प्राप्त कर सकता है, तो यह न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है, बल्कि ईमानदारी से काम करने वाले कर्मचारियों के साथ भी अन्याय है.
निष्पक्ष जांच के लगाए आरोप
जब इस मामले को लेकर डाक निरीक्षक उमंग जैन से संपर्क किया गया, तो उन्होंने केवल यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि “जांच चल रही है”. उनका यह अस्पष्ट उत्तर विभागीय लापरवाही की ओर इशारा करता है. यह मामला न सिर्फ एक कर्मचारी की अनुशासनहीनता का है, बल्कि पूरे डाक विभाग की जवाबदेही पर भी सवाल खड़ा करता है. जरूरत है कि, इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो.
(अरविंद सिंह की रिपोर्ट)
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