पटना में इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से बढ़ा क्रेज, प्रदूषण मुक्त बिहार बनाने में EV का रहेगा महत्वपूर्ण योगदान
Patna News: पटना शहर में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है. जहां पहले ये गाड़ियां सिर्फ एक विकल्प मानी जाती थीं, अब वे जरूरत और स्टाइल स्टेटमेंट दोनों बन चुकी हैं. अलग-अलग कंपनियां लगातार नये-नये इलेक्ट्रिक मॉडल्स लॉन्च कर रही हैं, और पटनाइट्स भी उन्हें खरीदने को लेकर खासे उत्साहित हैं. पूरे बिहार में पटना इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद में सबसे आगे है, जो यह दिखाता है कि यहां की युवा पीढ़ी बदलाव के लिए तैयार है. ऑटोमोबाइल सेक्टर के विशेषज्ञों के मुताबिक भविष्य की बढ़ती जरूरतों को प्राकृतिक ईंधन की कमी के चलते अब इलेक्ट्रिक वाहन की खरीदारी पर जोर दिया जा रहा है. इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि आपके खर्च भी कम होंगे. इतना ही नहीं लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियां लेने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जा रही है. चूंकि इसमें मेंटेनेंस पर ज्यादा लागत नहीं आती है इसलिए आपके बजट के हिसाब से भी सही रहेगी.
… इसलिए युवा इसे कर रहे पसंद
एक बड़ी वजह जो युवाओं को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की ओर खींच रही है, वह है इनका कम खर्चीला होना. पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के पार जा चुकी हैं, जबकि एक इलेक्ट्रिक बाइक को फुल चार्ज करने में केवल 15 से 20 रुपये की बिजली लगती है, और वो भी 70 से 120 किमी तक दौड़ने के लिए. अगर महीने में औसतन 800-1000 किमी की राइडिंग हो, तो पेट्रोल वाहन की तुलना में ईवी से 500 से 700 रुपये की सीधी बचत संभव है. साथ ही, इनका मेंटेनेंस भी पारंपरिक बाइकों से काफी कम होता है. ना इंजन ऑयल, ना चेन टाइटनिंग, ना सर्विसिंग की झंझट! बता दें कि पटना में हर महीने औसतन 300 से 400 इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक बिक रही हैं. एम्पेयर, हीरो, मोटो कार्प, टीवीएस आईक्यूब, ओला, बजाज, एथर, ओकिनावा जैसी कंपनियों के मॉडल्स सबसे ज्यादा डिमांड में हैं.
सब्सिडी ने बनायी आसान खरीद
बिहार सरकार की इवी पॉलिसी 2023 और केंद्र की फेम -II योजना ने इस क्रांति को और रफ्तार दी है. राज्य सरकार 7,500 रुपये तक रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन माफ कर रही है. वहीं केंद्र सरकार बैटरी की क्षमता के आधार पर 45,000 रुपये तक की सब्सिडी देती है. यह छूट विशेष रूप से पहली बार इवी खरीदने वालों के लिए है और ब्रांडेड व फेम -II अप्रूव्ड स्कूटर पर ही लागू होती है. इसका फायदा खासकर स्टूडेंट्स और जॉब स्टार्ट कर रहे युवाओं को मिल रहा है.
पटना में बढ़ रही है चार्जिंग की सुविधा
इ-बाइक व स्कूटर को घर में चार्ज किया जा सकता है, फिर भी सरकार सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों के विस्तार पर काम कर रही है. पटना में अभी करीब 15 से 20 चार्जिंग प्वाइंट सक्रिय हैं, जिन्हें जल्द ही बढ़ाया जायेगा.
हर 25 किमी पर एक चार्जिंग स्टेशन की जरूरत
पटना में मौजूद मुख्य चार्जिंग स्टेशन होटल पनाश, ओला सेंटर दानापुर, शंकर मोटर्स और पीएंडएम मॉल में हैं.. इवी बाइक और कार के विक्रेताओं का कहना है कि चार्जिंग स्टेशन की संख्या अभी कम है. हर 25 किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन होना चाहिए था, लेकिन वर्तमान सुधार धीमी गति से हो रहा है.
मांग का ऐसे बढ़ता जा रहा ग्राफ
बिहार में इवी की बिक्री वित्त वर्ष 2023-24 से 2024-25 के बीच 88 हजार यूनिट से बढ़ कर लगभग 96 हजार यूनिट हो गयी है. पटना राजधानी होने के नाते इसका बड़ा हिस्सा यहीं दर्ज हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार पटना की सड़कों पर 20 हजार इ-बाइक व स्कूटर और चार हजार से अधिक इलेक्ट्रिक कारें दौड़ रही हैं. परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इ-स्कूटर की बिक्री ने बड़ी छलांग लगायी है. इ‑कार और इ‑रिक्शा की मांग भी बढ़ रही है. इससे भी उत्साहजनक यह है कि प्रतियोगी कंपनियों की ओर से नये मॉडल लांच किये जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं की पसंद भी बढ़ रही है .
रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ
बिहार सरकार ने 2023 में बिहार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लागू की थी, जिसके तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर 7500 रुपये तक रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ की गयी है. अधिकतम छूट 10 हजार रुपये तक दी जा सकती है (वाहन की बैटरी कैपेसिटी और मॉडल के अनुसार). यह छूट केवल पहली बार रजिस्टर्ड नये इवी पर मिलती है.
पर्यावरण का रक्षक व इको फ्रेंडली है इवी
आज की पीढ़ी सिर्फ अपनी सुविधा नहीं, बल्कि पर्यावरण को भी प्राथमिकता देती . इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन से मुक्त हैं, बल्कि यह ध्वनि प्रदूषण भी नहीं करते. यानी ‘साइलेंट लेकिन स्मार्ट राइड’. इसका मतलब, न केवल आपकी जेब को राहत, बल्कि पर्यावरण को भी सुकून. इसके अलावा, बड़े शहरों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इवी एक सकारात्मक पहल के रूप में उभर रहा है. यदि हजारों लोग ईवी अपनाएं, तो हवा की गुणवत्ता में स्पष्ट सुधार देखा जा सकता है.
ऑटोमोबाइल सेक्टर के विशेषज्ञों ने कहा-
- पिछले दो वर्षों में इ-स्कूटर की बिक्री तीन गुना बढ़ चुकी है. एक इलेक्ट्रिक बाइक फुल चार्ज होने पर औसतन 70 से 120 किलोमीटर तक चल सकती है, और इसकी चार्जिंग लागत केवल 15 से 20 रुपये आती है. वहीं, अगर यही दूरी पेट्रोल बाइक से तय की जाए तो खर्च 100 से 110 रुपये से भी अधिक बैठता है. इस तरह हर महीने आपकी अच्छी खासी बचत हो जाती है. इसके अलावा, इलेक्ट्रिक गाड़िया एकदम साइलेंट होती हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होता. यानी – न जेब पर भार, न वातावरण पर असर. -अमरजीत सिंह, प्रमुख, देनी टीवीएस
- इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हाइ पावर और हाइ टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा संचालित होते हैं. इसलिए इनकी स्पीड और पिकअप अच्छा होता है. साथ ही ये हाईवे और शहर दोनों में अच्छा परफॉर्मेंस देते हैं. एक अच्छी इलेक्ट्रिक कार 0 से 100 किलोमीटर की रफ्तार सिर्फ 9.7 सेकंड्स में पकड़ लेगी. इसलिए इन कारों को ड्राइव करना भी बेहतर है. वहीं ऑटो सेक्टर में भी इवी ऑटो की जबरदस्त मांग है. इस कारण खासकर शहरी क्षेत्र में इवी ऑटो की मांग हर माह बढ़ रही है. इस मामले में टीवीएस पहले पायदान पर है. – सुशांत शेखर, प्रमुख, स्नेहा ऑटो
- इवी सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि आने वाले कल की जरूरत है. युवा वर्ग की भागीदारी इस परिवर्तन को तेज कर सकती है. जो आज इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को अपना रहा है, वह न केवल पर्यावरण की रक्षा कर रहा है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को भी एक स्वच्छ हवा देने की दिशा में योगदान दे रहा है. रूरल बिजली कनेक्शन के विस्तार ने इ-स्कूटर की मांग को तीन गुना बढ़ा दिया है. लेकिन, मई से इ-बाइक की सप्लाइ बंद है. इसके कारण ग्राहक वापस लौट रहे हैं. – जय प्रकाश, प्रमुख, एम्पेयर
Also Read: Bihar News: राज्य को विकसित बनाने की रणनीति तैयार करने वाला बिहार बना देश का पहला राज्य