गोविंद/ Bihar News: गोपालगंज में पिछले एक साल से बच्चा चोर गिरोह का नेटवर्क सक्रिय है. ताजा मामला मीरगंज थाना क्षेत्र के हरपुर गांव का है, जहां दरवाजे पर खेल रहे आठ साल के बच्चे को गायब कर दिया गया है. हरपुर गांव के मुंशी यादव के पुत्र बिट्टू कुमार की तलाश में पुलिस जांच कर रही है. एसपी अवधेश दीक्षित ने जांच करने के बाद परिजनों से घटना की जानकारी ली और बच्चे की सकुशल बरामदी करने के लिए एसआइटी का गठन किया है, जिसमें हथुआ एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता, मीरगंज थानाध्यक्ष और डीआइयू की टीम को शामिल किया गया है. वहीं, दूसरी तरफ पिछले एक साल में लगभग दो दर्जन बच्चों की चोरी होने के मामले सामने आ चुके हैं. इससे सरकारी तंत्र और पुलिस महकमा तो परेशान नजर आ ही रहा है. साथ ही बच्चों के माता-पिता भी चिंतित हैं. बच्चों की सुरक्षा कितनी जरूरी है, ‘प्रभात खबर’ की पड़ताल करती इस रिपोर्ट के जरिये समझिए.
डिस्ट्रिक्ट इंटेलिजेंस यूनिट अलर्ट
बच्चा चोर गिरोह तक पहुंचने के लिए डीआइयू (डिस्ट्रिक्ट इंटेलिजेंस यूनिट) ने जाल बिछा दिया है. रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के अलावा पार्क, मंदिर समेत अन्य स्थानों और संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. वहीं, इस मामले में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए, इसके लिए पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित की ओर से हर स्तर पर पुलिस को सतर्क रहने और इस बात का भी पता लगाने को कहा गया है कि कोई संगठित गिरोह तो सक्रिय नहीं है.
बच्चा चोरी पर सख्त है पुलिस : एसपी
पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने गुमशुदा बच्चे के ढूंढने का अभियान और तेज करने के लिए पुलिस अफसरों को सख्त निर्देश दिये है. उन्होंने कहा कि बच्चा का गुम होना चिंता का विषय है. पुलिस इसे पूरी गंभीरता से ले रही है. मीरगंज में गुम हुए बच्चे को सकुशल बरामद करने के लिए पुलिस की टीम कई इलाकों में छापेमारी कर रही है.
मम्मी-पापा को भी रहना होगा अलर्ट
बच्चों की सुरक्षा को लेकर उनके मम्मी-पापा और परिवार के सदस्यों को भी अलर्ट रहना होगा. हाल के दिनों में मदद मांगने के नाम पर चोर गिरोह के सदस्य पहुंचकर बच्चों को चोरी करते हुए पाये गये. आपके दरवाजे पर कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आये, तो तुरंत डायल-112 को सूचना दे. बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेज रहे हैं तो परिवार का सदस्य जरूर हो. सार्वजनिक स्थल पर बच्चों को लेकर जाए, तो उनका हाथ नहीं छोड़े.
केस-1
विशंभरपुर थाने के सलेहपुर गांव से 27 अगस्त 2024 को बबलू मांझी के छह महीने के मासूम बेटे को डॉक्टर दंपती ने चोरी कर लिया था. दरवाजे से चोरी करने के बाद डेढ़ लाख रुपये में यूपी के दंपती के हाथों बेच दिया. पुलिस ने तीन दिनों बाद 31 अगस्त को लखनऊ के चारबाग स्टेशन से सकुशल बरामद कर लिया. डॉक्टर दंपत्ती ने नि:संतान दंपत्ती के हाथों बच्चा बेच दिया था.
केस-2
मीरगंज थाने के बदरजीमी गांव से 16 अगस्त 2024 को बबलू सिंह के एक साल के बेटे ऋषभ कुमार की दरवाजे से बाइक सवार बदमाशों ने चोरी कर ली. पुलिस ने चोरों का फुटेज जारी करते हुए इनाम की घोषणा की. पुलिस दबिश के कारण चोरों ने 18 अगस्त की रात में थावे जंक्शन पर सकुशल ऋषभ को छोड़ दिया.
केस-3
थावे थाने के विदेशी टोला के अनिल महतो का पांच वर्षीय पुत्र गोलू कुमार बीते 23 अगस्त 2024 को दुर्गा मंदिर परिसर के पास से लापता हो गया. बच्चे की मां मंजू देवी ने थावे थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस को अब तक बच्चे के बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका है. मां-बाप अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं.
केस-4
नगर थाने के सुंदरपट्टी नहर के पास से 17 जुलाई 2023 को शिव बालक सहनी के छह महीने के पोते की चोरी कर ली गयी. तत्कालीन एसपी स्वर्ण प्रभात ने खुद 29 जुलाई को घटना की जांच की. सदर एसडीपीओ प्रांजल के नेतृत्व में एसआइटी बनी. एसआइटी बच्चा बरामद नहीं कर सकी. अब तक बच्चा चोरों को भी नहीं ढूंढ़ सकी है.
निःसंतान दंपती खरीद रहे हैं बच्चे !
पुलिस की अनुसंधान में सामने आया कि कई निःसंतान दंपती हैं, जो डॉक्टरों या बच्चा चोर गिरोह के संपर्क में आकर मोटी रकम में बच्चे को खरीद रहे हैं. इंटरनेट पर बच्चा खरीद-बिक्री करने का प्रचार-प्रसार भी होने की बातें आ चुकी है. गोपालगंज पुलिस ने जब विशंभरपुर थाने के सलेहरपुर बच्चा चोरी कांड में डॉक्टर दंपती को गिरफ्तार किया, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ था. इंटरनेट के जरिये ही यूपी के निःसंतान दंपती ने डॉक्टर से तीन लाख रुपये में बच्चे को खरीदने के लिए सौदा किया था.
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