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सदर अस्पताल की निर्माणाधीन बिल्डिंग की ढलाई में दरार, इंजीनियरों ने की जांच


जहानाबाद. सदर अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन नौ मंजिला बिल्डिंग की फर्स्ट फ्लोर की ढलाई में दरार आने की जांच रविवार को बीएमएसआइसीएल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रंजीत कुमार और मैनेजर ने की. सदर अस्पताल में निर्माणाधीन बिल्डिंग की ढलाई में दरार की खबर प्रभात खबर ने सभी अखबारों से पहले प्रमुखता से छापी थी. जब डीएम अलंकृता पांडे से इस मामले में प्रभात खबर ने सवाल किया तो उन्होंने बताया कि मामले की इस मामले में जांच करायी जायेगी और पाये जाने पर संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. प्रभात खबर के जहानाबाद अंक में शनिवार को यह खबर इनसाइड पेज पर सदर अस्पताल के निर्माणधीन नयी बिल्डिंग की ढलाई में क्रैक की करायी जायेगी जांच की हेडिंग से लीड खबर के रूप में छापी गयी थी. डीएम के निर्देश पर बीएमएसआइसीएल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर रंजीत कुमार और मैनेजर रंजीत कुमार रविवार को सदर अस्पताल में बनायी जा रही नयी बिल्डिंग में ढलाई की जांच की जिसमें निर्माण के पूर्व ही क्रैक आ गयी है. बीएमएसआइसीएल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और मैनेजर ने निर्माणाधीन बिल्डिंग काम वैन किया और उस जगह फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचे जहां की ढलाई में निर्माण पूरा होने के पहले ही क्रैक आ गया है. इसके बाद उन्होंने गहराई से क्रैक की जांच की और उसके कारणों का पता लगाने की कोशिश की इस मामले में वहां काम कर रहे इंजीनियर और राजमिस्त्री से भी बातचीत की. जांच के बाद अपनी रिपोर्ट डीएम को और स्वास्थ्य विभाग को सौंपेंगे. रिपोर्ट में गड़बड़ी पाये जाने पर निर्माण करने वाले एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी ज्ञात हो कि जहानाबाद की जिलाधिकारी अलंकृता पांडेय ने इस मामले में पूछे जाने पर प्रभात खबर को बताया था कि ढलाई में क्रैक आने की जानकारी उनके संज्ञान में आई है जिसकी जांच करायी जायेगी. ज्ञात हो कि जहानाबाद सदर अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को गिराकर उसे जगह पर नौ तले की मल्टी स्टोर बिल्डिंग बनायी जा रही है. पिछले 1 साल से इसका निर्माण कार्य जारी है. इसमें बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर के अलावा सात तले बनाये जाने हैं. इसके बेसमेंट और फर्स्ट फ्लोर का कंस्ट्रक्शन तैयार हो चुका है. फर्स्ट फ्लोर की ढलाई भी हो चुकी है. इसी ढलाई में दरार की बात सामने आई है. हालांकि दरार की बात सामने आने पर एजेंसी के द्वारा आनन-फानन में दरार में सीमेंट भरकर उसकी मरम्मत कर दी गई है. ज्ञात हो कि नहीं बिल्डिंग 84 करोड़ की लागत से बनायी जा रही थी, जिसके लागत बढ़कर 95 करोड़ कर दी गई है. इस बिल्डिंग में जिला अस्पताल की सारी सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. जहानाबाद के जिलावासियों को इस बिल्डिंग के माध्यम से 150 बेड के नए जिला अस्पताल की सौगात मिलने वाली थी, लेकिन उसके निर्माण में ही घटिया सामग्री और ढलाई में दरार की बात सामने आने पर जिलावासियों को आधुनिक जिला अस्पताल मिलन संदिग्ध लग रहा है. कहीं ऐसा न हो कि 95 करोड़ की लागत से बनने वाली नई बिल्डिंग बनने के बाद बिहार में लगातार ढह रहे पुलों की तरह कहीं जिला अस्पताल की बिल्डिंग भी धराशाई न हो जाए.

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