एसटीएफ के हत्थे चढ़ीं सोनू के घर पहुंची दो जापानी महिलाएं, CCTV फुटेज में कैद महिला को तलाश रही पुलिस
सीतामढ़ी. (CCTV footage) बिट क्वाइन के माध्यम से करोड़ों रुपये पाकिस्तान समेत अन्य देशों में स्थानांतरित करने के मामले में यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े भिट्ठा थाना क्षेत्र के श्रीखंडी भिट्ठा गांव निवासी मोहन साह के पुत्र ऋषिकेश उर्फ सोनू के घर शनिवार को कार से पहुंची दो कथित जापानी महिला पत्रकार को लेकर क्षेत्र में तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. भिट्ठा थाना के प्रभारी सह अपर थानाध्यक्ष रजनीश कुमार पुलिस बल के साथ रविवार को आरोपी सोनू के घर जाकर पूछताछ की. वहीं देर शाम तक गांव में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला. पर, पुलिस को कोई खास सुराग हाथ नहीं लगी.
सीसीटीवी फुटेज में कैद महिला को तलाश रही पुलिस
श्रीखंडी भिट्ठा निवासी सुमित साह नामक किराना व्यवसायी के घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज से एक कार का फोटो मिला है, जिस कार से उक्त दोनों महिला ऋषिकेश के घर साइबर क्राइम के तहत दर्ज मामले में पूछताछ करने गयी थी. मोहन साह की पत्नी से पूछताछ कर मात्र 10 मिनट में वहां से वापस हो गयी थी. उस वक्त मोहन साह भिट्ठामोड़ चौक स्थित अपने वसुधा केंद्र पर थे. जब उन्हें जानकारी मिली, तब तक दोनों महिला वहां से जा चुकी थी. हालांकि उनके द्वारा पुलिस को भी इस मामले की जानकारी नहीं दी गयी. अपने को जापान का पत्रकार बताने वाली महिला जाते समय अपना ब्लूमबर्ग न्यूज नामक विजिटिंग कार्ड वहां छोड़ गयी. जिस पर उक्त महिला का नाम नताली ओविको पियरसन, ब्लूमबर्ग-एलपी, 21वीं मंजिल मैरूनीचि बेल्डिंग 2-4-1 मैरूनीचि चियोदा-क्रू, टोक्यो-100-6321 जापान के अलावा मोबाइल नंबर भी दर्ज है.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, बिट क्वाइन के माध्यम से साइबर अपराध कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में यूपी एटीएस व डिआइयू की टीम ने 14 सितंबर 2024 को ऋषिकेश के घर छापेमारी की थी. जिसमें उसके घर से बरामद इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण से बिट क्वाइन के माध्यम से करोड़ों रुपये की राशि पाकिस्तान समेत अन्य देश में स्थानांतरित करने का मामला सामने आया था. इसके बाद टीम ने ऋषिकेश उर्फ सोनू व उसके पिता मोहन साह को अपने साथ ले गयी थी. टीम ने मोहन साह को सीतामढ़ी थाना के हवाले कर ऋषिकेश को अपने साथ लखनऊ लेकर चली गयी थी. जहां साइबर क्राइम थाना लखनऊ में कांड संख्या 132/24 दर्ज कर ऋषिकेश को जेल भेज दी गयी थी. जमानत मंजूर होने के बाद सात फरवरी 2025 को ऋषिकेश जेल से छूटकर अपने घर आ गया. वहीं मोहन साह ने बताया कि एक दिन सीतामढ़ी व एक दिन बथनाहा थाना में रखने के बाद 18 सितंबर को उन्हें छोड़ दिया गया था. उन्होंने बताया कि अभी केस नहीं खुला है. उनके अधिवक्ता द्वारा केस की देख-रेख की जा रही है.
बोले अधिकारी
प्रभारी थानाध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. वरीय पदाधिकारी को सूचना दे दी गई है. दिशा-निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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