झारखंड में क्यों खतरे में है आदिवासी समाज? रघुवर दास ने बतायी वजह, पेसा कानून पर हेमंत सरकार को घेरा Raghubar Das on tribal society and PESA act Hemant soren govt
गुमला, दुर्जय पासवान-झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास शुक्रवार को गुमला पहुंचे. सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता कर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा है कि हेमंत सोरेन सरकार पेसा कानून लागू करने से डर रही है. हेमंत सरकार को डर है कि कहीं उनकी सरकार ना गिर जाए, जबकि भाजपा शुरू से ही पेसा कानून लागू करने के पक्ष में रही है. उन्होंने कहा है कि घुसपैठियों और धर्मांतरण के कारण आज आदिवासी समाज खतरे में है. गुमला पहुंचने पर भाजपा नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया.
घुसपैठियों के कारण झारखंड की संस्कृति पर हमला हो रहा-रघुवर
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि घुसपैठियों के कारण झारखंड की संस्कृति पर हमला हो रहा है. पूर्वजों की परंपरा, संस्कृति, वेशभूषा, रहन सहन को खत्म करने की योजना चल रही है. उन्होंने कहा है कि जब आदिवासी ही नहीं रहेंगे तो फिर पेसा कानून किसके लिए बनेगी. इसलिए झारखंड सरकार की जिम्मेवारी बनती है. पेसा कानून लागू करें. इसाई व इस्लाम से राज्य के आदिवासियों को जो खतरा है. उसे बचाये.
पेसा कानून लागू नहीं होने से 14 सौ करोड़ रुपये रुका-रघुवर दास
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि पेसा कानून झारखंड राज्य व जनजाति समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है. पेसा कानून लागू नहीं होने के कारण भारत सरकार द्वारा 2024-2025 का 15वीं वित्त आयोग की जो 14 सौ करोड़ रुपये की राशि है. उसे केंद्र सरकार ने रोक दी है. जबतक पेसा कानून लागू नहीं होता. यह पैसा मिलना मुश्किल लग रहा है. इसलिए हेमंत सोरेन सरकार से अनुरोध है. पेसा कानून को लागू करें. ताकि हमारे जनजाति समुदाय के लोगों के विकास के लिए केंद्र सरकार से 14 सौ करोड़ रुपये मिल सके.
ये भी पढ़ें: झारखंड के पलामू में आसमान से बरसी मौत, वज्रपात से 2 चरवाहे समेत 4 ने तोड़ा दम