BPSC Teacher: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. लेकिन अब कुछ नए नियुक्त शिक्षक दहेज मांगने के आरोपों में घिरते जा रहे हैं. मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे जिलों से ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जहां वधु पक्ष ने जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को लिखित रूप से आरोपित शिक्षकों के खिलाफ शिकायत दी है.
मुजफ्फरपुर में 21 मई 2025 को एक पीड़िता के परिवार ने जिला शिक्षा कार्यालय पहुंचकर बताया कि वर पक्ष ने पहले निजी कंपनी में काम करने के समय शर्तों पर सहमति जताई थी. लेकिन जैसे ही वह युवक BPSC से शिक्षक नियुक्त हुआ, उसने सरकारी नौकरी और 50,000 रुपये से अधिक के मासिक वेतन का हवाला देकर दहेज की मांग कई गुना बढ़ा दी. जब वधु पक्ष ने असमर्थता जताई, तो लड़के ने शादी से इनकार कर दिया, जिससे परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा.
DEO ने दिए जांच के आदेश
इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए दरभंगा के DEO ने जांच के आदेश दिए हैं. मुजफ्फरपुर में भी अधिकारी पीड़ित परिवार की शिकायत पर संबंधित शिक्षक को बुलाकर समझाने की बात कह रहे हैं. दरभंगा में दर्ज शिकायत में न सिर्फ शिक्षक का नाम बल्कि उसके स्कूल की पहचान तक उजागर कर दी गई है.
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
शिक्षा विभाग के मुताबिक, यह कोई पहला मामला नहीं है. साल 2024 में भी देखा गया था कि BPSC से चयनित शिक्षकों की शादी में दहेज की मांग में औसतन 40% तक की वृद्धि हुई थी. विभाग के कर्मचारियों ने माना है कि शिक्षक बनने के बाद कुछ युवकों के व्यवहार में बदलाव आया है और वे अपनी स्थिति का अनुचित लाभ उठाकर मनमानी शर्तें थोप रहे हैं.
DEO सख्त कार्रवाई की तैयारी में
आने वाले दिनों में शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है. संबंधित जिलों के DEO को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस तरह के मामलों में समय पर जांच कर रिपोर्ट दें और दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करें. शिक्षा विभाग का कहना है कि शिक्षक समाज में आदर्श होते हैं और यदि वे ही समाज में कुरीतियों को बढ़ावा देंगे तो यह शिक्षा की गरिमा पर सवाल है.
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