: रेलवे लाइन निर्माण के लिए हटाये जा रहे हैं पेड़ चतरा. ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ के पेड़ लोगों की आय के प्रमुख स्त्रोत हैं. महुआ का फल चुन कर लोग चार माह के राशन की जुगाड़ कर लेेते है. पत्थलगड्डा व सिमरिया प्रखंड में रेलवे लाइन का निर्माण किया जा रहा है. रेलवे लाइन के निर्माण के दौरान पेड़ हटाये जा रहे हैं, जिसमें महुआ के भी पेड़ शामिल हैं. महुआ के कई पेड़ों को हटा दिया गया है. वहीं महुआ पेड़ के पास से मिट्टी उठा कर रेलवे लाइन में लगाया जा रहा है, जिसके कारण महुआ के कई पेड़ों का अस्तित्व खतरे में आ गया है. आंधी-बारिश में कभी भी पेड़ ध्वस्त हो सकते है. इसकी जानकारी वन विभाग को दी गयी है, लेकिन रेलवे ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है. ग्रामीणों ने महुआ पेड़ के पास से मिट्टी हटाने का विरोध किया है. साथ ही महुआ पेड़ को सुरक्षित रखने की मांग की. ऐसा नहीं करने पर रेलवे लाइन निर्माण कार्य को रोकने की चेतावनी दी. ग्रामीण भादो कुरमी ने बताया कि महुआ के पेड़ हटाये जाने से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुमका में ठेकेदार द्वारा कैंप बनाया गया है, वहां एक दर्जन से अधिक महुआ के पेड़ को हटा दिया गया है. महुआ चुन कर अच्छी आमदनी करते थे. इस तरह सिमरिया के कई गांवों में भी यह स्थिति बनी हुई है.
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