Bihar News: राजधानी पटना का ऐतिहासिक व सबसे पुराना संग्रहालय, ‘पटना संग्रहालय’ अब एक नये कलेवर में नजर आयेगा. आधुनिक तकनीक से सुसज्जित पटना संग्रहालय अब राज्य के गौरवशाली अतीत को रोचक और ज्ञानवर्धक तरीके से आम लोगों तक पहुंचेगा. संग्रहालय परिसर के मुख्य भवन और नये खंड के मध्य स्थित ‘गंगा’ और ‘पाटली’ दीर्घाएं अब बनकर तैयार हैं. अधिकारियों के अनुसार, आगामी छह महीनों में कई नयी गैलरियां आम लोगों के लिए खोली जायेंगी, जो न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होंगी, बल्कि दर्शकों के अनुभव को भी समृद्ध करेंगी. संग्रहालय में प्रख्यात विद्वान और अन्वेषक महापंडित राहुल सांकृत्यायन को समर्पित गैलरी को तीन प्रमुख खंडों में विभाजित किया गया है.
- जीवन यात्रा दीर्घा – इसमें केदारनाथ से ‘राहुल’ बनने तक का उनका प्रेरणादायक सफर प्रदर्शित किया जायेगा.
- पांडुलिपि दीर्घा – इसमें तिब्बत से लाये गये दुर्लभ ग्रंथों का संग्रह होगा.
- थंगका पेंटिंग दीर्घा – इसमें तिब्बती बौद्ध कला की बारीकियां देखने को मिलेंगी.
धातु कला और चित्रकला की दिखेगी झलक
‘मेटल आर्ट गैलरी’ में भारत, नेपाल और पश्चिमी देशों की शाही धातु कलाओं को समर्पित एक भव्य संग्रह तैयार किया जा रहा है. वहीं, पटना कलम शैली की 250 दुर्लभ पेंटिंग्स को भी एक अलग गैलरी में प्रदर्शित किया जायेगा. वहीं देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जीवन यात्रा पर आधारित एक विशेष गैलरी भी तैयार हो रही है, जिसमें उनके राष्ट्रपति काल से जुड़े दुर्लभ फोटोज और दस्तावेजों का संग्रह होगा. इसके अलावा एक ‘मिक्स गैलरी’ में 1764 से 2000 तक के दुर्लभ सिक्कों का संग्रह भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा. इससे न केवल आर्थिक इतिहास की जानकारी मिलेगी, बल्कि समय के साथ समाज में आये परिवर्तनों को भी समझा जा सकेगा.
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