वीरपुर. कोसी नदी के तटबंध और स्परों को सुरक्षित करने के लिए बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य कराये जाते हैं. इसकी समय सीमा 15 मई तक होती है. यानि 15 मई तक सभी बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य को पूरा किया जाना होता है. कोसी हाई लेवल कमेटी ने वर्ष 2025 के लिए बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक 118 योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की थी. जिसमे से 12 योजनाएं विलेज़ प्रोटेक्शन वर्क के अंतर्गत आता है. चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने 15 मई तक अधिकांश कार्य पूर्ण किये जाने का दावा किया है. इनमें से जिन कार्यों की निविदा बाद में निकाली गई है उसपर भी युद्धस्तर पर दिन और रात्रि एक कर कार्य को पूरा किया जा रहा है. संबंधित क्षेत्र के एक्सक्यूटिव इंजीनियर अपने सहायक अभियंता, जेई और निर्माण एजेंसी के साथ समन्वय बनाकर कार्य को पूरा करने के लिए तत्पर हैं. जबकि एक जून से बाढ़ अवधि की शुरुआत भी होनी है. ऐसे में बचे हुए 13 दिनों में बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य को पूरा करना निश्चित ही जल संसाधन विभाग के लिये चुनौती भरा होगा.
इसी बीच शुक्रवार को कोसी नदी के कोसी बराज पर लाल यानि गहरा गेहूंआ पानी को देखा गया है. यह पानी पिछले तीन से चार दिनों से देखा जा रहा है. जो दर्शाता है कि नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश हुई है. ज़ब भी नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश होती है तो कोसी नदी के पानी के रंग में बदलाव आता है. इससे कोसी नदी के जलस्तर का भी निर्धारण होता है.
स्थानीय लोग बताते हैं कि कोसी नदी के पानी का रंग जब मई के माह में बदलता है तो इसका सीधा मतलब है कि पहाड़ पर बारिश शुरू हो गई है और अब कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगेगी. फिलहाल कोसी बराज स्थित कोसी नदी का जलस्तर शुक्रवार की सुबह आठ बजे 47,115 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया है. नदी के 10 फाटक खुले हुए थे. कोसी नदी के जानकारी बताते हैं कि मई के महीने में कोसी नदी का जलस्तर 25 से 35 हजार तक रहता है. लेकिन इस साल मई के महीने में 47,115 क्यूसेक जलस्तर बढ़ा हुआ है. जिससे पता चलता है कि कुछ समय यानि जून के महीने में भी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होगी.
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ई संजय कुमार ने बताया कि गलेशियर से यह पानी नहीं आया है. यह पानी नेपाल के बारिश की है. जो कुछ समय बाद कम हो जाएगी. वैसे शाम चार बजे नदी का जलस्तर 48,200 क्यूसेक था. बावजूद घबराने की बात नहीं है. नदी का जलस्तर घटता और बढ़ता रहेगा.
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