Jharkhand News: झारखंड सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये ब्लॉक लेवल इंस्टीट्यूट फोर रूरल एक्विजिशन (बिरसा) योजना चलाती है. इसके तहत युवाओं को प्रशिक्षण देकर नियोजन से जोड़ा जाता है. जानकारी के अनुसार, श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की ब्लॉक लेवल इंस्टीट्यूट फोर रूरल एक्विजिशन (बिरसा) की योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष में 75000 युवाओं को प्रशिक्षण देकर नियोजन से जोड़ना था. लेकिन महज आठ हजार युवाओं को ही नौकरी से जोड़ा जा सका.
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केवल 18000 को ही मिल पाया प्रशिक्षण
बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष में केवल 8500 युवाओं को ही जॉब ऑफर लेटर दिया गया था. इस दौरान योजना के तहत प्रशिक्षण देने का आंकड़ा भी कम रहा. इस वजह से इसका लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाया. इस योजना के अंतर्गत 75000 लोगों को स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण देकर उन्हें नौकरी या बिजनेस करने के लायक बनाना था. लेकिन केवल 18000 युवाओं को ही स्किल डेवलपमेंट का प्रशिक्षण मिल पाया. योजना का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से नहीं हो पाया. लेकिन सरकार ने युवाओं को राहत पहुंचाने के लिए कई दूसरी योजनाएं चलायी.
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युवाओं को दिया गया रोजगार प्रोत्साहन भत्ता
ऐसे युवा जिन्हें रोजगार नहीं मिला, उनके लिए सरकार द्वारा बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान लाया गया. साथ ही प्रशिक्षित होकर दूसरे राज्यों में जाकर काम करने वाले युवाओं के रहने के लिए भी सरकार की ओर से कई सुविधायें दी गयी. माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर के तहत सरकार ने पुणे, बेंगलुरू, राजस्थान, हैदराबाद, चेन्नई, सूरत और नोएडा जाने वाले युवाओं को शुरू के एक महीने रहने की व्यवस्था उपलब्ध करायी. इसके अलावा सरकार ने ऐसे युवा जिन्हें प्रशिक्षण प्राप्त होने के बाद भी रोजगार नहीं मिला, उनके लिए भी रोजगार प्रोत्साहन भत्ता की व्यवस्था की. सरकार ऐसे युवकों को हर माह 1000 रुपये और युवतियों व दिव्यांगों को 1500 रुपये की राशि प्रदान करती है, जो अधिकतम एक वर्ष के लिए देने का प्रावधान है.
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