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वक्फ संशोधन कानून देशहित में, देश का हर मुस्लिम मोदी के साथ, रांची में बोले मौलाना रशीदी



Moulana Sajid Rashidi in Ranchi: देश में वक्फ संपत्तियों की स्थिति और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को लेकर जारी बहस के बीच, ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद सजिद रशीदी ने वक्फ संशोधन कानून 2025 को ऐतिहासिक करार दिया है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तीखे प्रहार भी किये. उन्होंने कहा कि यह विधेयक मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है.

‘70 वर्षों तक कांग्रेस ने मुसलमानों का इस्तेमाल किया’

मौलाना रशीदी ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले 70 वर्षों में मुसलमानों को केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया. कांग्रेस ने मुसलमानों की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार या धार्मिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनायी गयी.

कांग्रेस ने वक्फ की जमीन बिल्डरों और अपने नेताओं को दी – मौलाना रशीदी

उन्होंने दिल्ली की ढाई सौ बीघा वक्फ की जमीन का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों ने उस जमीन पर कब्जा करके न तो उसे मुसलमानों को लौटाया और न ही उसका उपयोग शिक्षा या स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किया. उल्टे, उस जमीन को अपने नजदीकी बिल्डरों और नेताओं को सौंप दिया. ऐसा सिर्फ दिल्ली में नहीं हुआ. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में भी वक्फ संपत्तियों पर कब्जा और घोटाले आम रहे हैं, जो कांग्रेस की नीति और नीयत को उजागर करते हैं.

ममता बनर्जी पर भी मौलाना ने बोला हमला

उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि जब उन्होंने (ममता बनर्जी) ने कह दिया कि वक्फ कानून बंगाल में लागू नहीं होगा, तो यह स्पष्ट हो गया कि मुस्लिम हित उनके लिए केवल एक वोट का हथियार है. उनके बयान के बावजूद मुस्लिम सड़क पर क्यों उतरे? प्रदर्शन क्यों हुए? बंगाल में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और केस दर्ज क्यों हुए? यह शर्मनाक है. रशीदी ने पूछा कि अगर यह कानून मुस्लिमों की भलाई के लिए है, तो फिर उसका विरोध क्यों?

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‘कांग्रेस ने लागू नहीं की सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र की रिपोर्ट’

रशीदी ने सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्र की रिपोर्ट और अन्य अध्ययन रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सभी में मुसलमानों की बदतर स्थिति उजागर हुई, लेकिन कांग्रेस ने कभी उन सिफारिशों को लागू नहीं किया. वहीं, आज मोदी सरकार ने पारदर्शिता, ई-गवर्नेंस और जवाबदेही के सिद्धांतों के आधार पर वक्फ सुधार का मार्ग प्रशस्त किया है.

अब मुसलमान जाग चुका है – मौलाना सजिद रशीदी

मौलाना रशीदी ने कहा, ‘अब मुसलमान जाग चुका है. अब हमें अपने बच्चों को सिर्फ मदरसों तक सीमित नहीं रखना, बल्कि उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा, तकनीकी कौशल और प्रशासनिक सेवाओं तक पहुंच दिलानी है. इसके लिए जरूरी है कि हमारी संपत्तियां, विशेषकर वक्फ संपत्तियां सुरक्षित और उपयोगी हों.’

‘मोदी जी मुस्लिम समाज को ‘रिजर्व फोर्स’ की तरह देखें’

उन्होंने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हैं कि वे मुस्लिम समुदाय को एक ‘रिजर्व फोर्स’ के रूप में देखें. एक ऐसी ताकत, जो राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है, जो नफरत नहीं, विकास चाहती है.’

मौलाना की अपील- नेताओं की बातों पर नहीं, उनके काम पर ध्यान देना होगा

मौलाना ने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अब नेताओं की बातों पर नहीं, उनके काम पर ध्यान देना होगा. कहा, ‘कौन हमारे बच्चों के लिए स्कूल बनवाता है? कौन हमारी जमीन की रक्षा करता है? कौन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमारे रिकॉर्ड सुरक्षित करता है? यही असली सवाल हैं.’

‘वक्फ संशोधन कानून पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक’

मौलाना रशीदी ने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन कानून सिर्फ मुस्लिमों की भलाई का नहीं, बल्कि पूरे समाज की पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक है. ऐसे में जो भी दल इसका विरोध करता है, वह सिर्फ मुस्लिम समाज के हित के खिलाफ ही नहीं, बल्कि प्रगति और न्याय के भी खिलाफ खड़ा है. इस अवसर पर मोहम्मद कमाल खान, राफिया नाज और तारिक इमरान सहित अन्य लोग उपस्थित थे.

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