बेनीपट्टी. शिवनगर में हर्षोल्लास के साथ दो दिवसीय जानकी महोत्सव की शुरुआत हुई. महोत्सव की शुरुआत मंगलवार की सुबह भव्य कलश शोभा यात्रा निकालकर की गयी. कलश शोभायात्रा शिवनगर गांव स्थित माधव स्थल परिसर से चलकर महाभारतकाल से जुड़े बाबा गांडिवेश्वरनाथ महादेव स्थान पर पहुंचीं. जहां 251 कन्याओं व श्रद्धालुओं ने पवित्र तालाब से जल भर कर ब्रह्मस्थान, भगवती स्थान व बजरामबली मंदिर परिसर सहित विभिन्न गांव व टोले का परिभ्रमण करते हुए पुनः आयोजन स्थल तक पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश को निष्ठापूर्वक स्थापित कराया गया. इसके बाद मां जगत जननी जानकी की विधिवत पूजा अर्चना शुरू की गयी. बुधवार को लोक संस्कृति मंच के सुप्रसिद्ध मैथिल कलाकारों के द्वारा मिथिला के संस्कार व संस्कृति से जुड़ा कार्यक्रम प्रस्तुत कर संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए लोगों को प्रेरित किया. लोगों ने कहा कि शिवनगर गांव निवासी व बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति स्व. पंडित ताराकांत झा ने वर्ष 1983 में शुरू किये गये इस महोत्सव का पिछले 43 सालों से यहां आयोजन होता रहा है और आगे भी जारी रहेगा. वहीं आयोजन समिति के अध्यक्ष समीर झा, जजमान अनुकेश झा, पुरोहित सुमंत कुंवर, हरखित झा, संतोष झा, कमलेश पंडित, अनिल झा, अशोक झा, हर्ष आयुष, प्रिंस कुमार समेत अन्य लोगों ने कहा कि कई बार से स्थानीय लोगों द्वारा शिवनगर में मनाये जा रहे इस महोत्सव को राजकीय महोत्सव का दर्जा दिये जाने की मांग बिहार सरकार से की जाती रही है. लेकिन अब तक इस पर कोई पहल नही हो सका है. कहा कि माता जानकी सिर्फ मिथिला ही नहीं बल्कि संपूर्ण राज्य व देश सहित विदेशों में भी पूजीं जातीं हैं. भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बनाने में जगतजननी माता जानकी की ही महती भूमिका थी. माता जानकी हमारी संस्कृति व संस्कार की जननी हैं. माता जानकी के बिना भगवान श्री राम की कृति भी अधूरी है. उनके आदर्श से स्वतः नारी सशक्तीकरण का आदर्श स्थापित हुआ.
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