‘जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रहे अफसर’ नाराज केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र Sanjay Seth Letter To Hemant Soren said Officers ignoring leaders
Sanjay Seth Letter To Hemant Soren: रांची-केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सह रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने कहा है कि रांची में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है, जो बेहद गंभीर विषय है. यह उपेक्षा लोकतंत्र का अपमान है. इस बाबत उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया है. नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने पत्र के जरिए कहा है कि योजनाओं के क्रियान्वयन और उद्घाटन-शिलान्यास में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.
सड़क के शिलान्यास की सूचना तक नहीं दी-संजय सेठ
कांके प्रखंड के सुकुरहुट्टू के बरवाटांड़ में सरना टोली से रिंग रोड तक एक सड़क का निर्माण होना है. इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति उनकी अनुशंसा पर RRDA द्वारा दी गयी है. अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को इस सड़क के निर्माण कराने के लिए आश्वस्त किया था. बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस सड़क का शिलान्यास उनकी अनुपस्थिति में कर दिया गया. शिलापट्ट में उनका नाम जरूर है, परंतु उसकी कोई सूचना उन्हें या उन्हें कार्यालय को नहीं दी गयी.
निर्देश के बाद भी अधिकारी कर रहे मनमानी-संजय सेठ
पूर्व में भी दिशा समिति की बैठकों में उन्होंने यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी योजना के उद्घाटन-शिलान्यास में सभी जनप्रतिनिधियों को पूर्व सूचना दी जाए. बावजूद इसके इस विषय पर जिला प्रशासन सहित किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि पत्र के जरिए आपको अवगत कराना चाहता हूं कि लोकतंत्र के लिए यह अच्छा नहीं है.
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जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा लोकतंत्र का अपमान-संजय सेठ
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा कि लोकतंत्र विधायिका और कार्यपालिका के सहयोग से ही आगे बढ़ता है. निश्चित रूप से विकास के कार्य होते हैं तो जनप्रतिनिधि भी उसका माध्यम बनते हैं. ऐसे में जनप्रतिनिधियों की यह उपेक्षा लोकतंत्र का अपमान है. उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि इस दिशा में झारखंड के सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने की करें ताकि राज्य का कोई भी जनप्रतिनिधि योजनाओं के क्रियान्वयन में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर सके.
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