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मंत्री के दौरे के बाद दुर्गापुर बैराज की वैकल्पिक सड़क की गयी बंद



दुर्गापुर.

पश्चिम बर्दवान और बांकुड़ा को जोड़ने वाली दुर्गापुर बैराज की सड़क लंबे समय से जर्जर है और अब इसकी मरम्मत जल्द शुरू होने वाली है. मरम्मत के दौरान बड़े और छोटे वाहनों के लिए दामोदर नदी के नीचे वैकल्पिक सड़क बनायी गयी है, जिसका निर्माण बीते कुछ महीनों से चल रहा था. इस वैकल्पिक सड़क का निरीक्षण करने तीन दिन पहले राज्य के सिंचाई मंत्री मानस रंजन भुइयां दुर्गापुर बैराज पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान मंत्री ने वैकल्पिक मार्ग में पांच से छह स्थानों पर खामियों की पहचान की और विभागीय अधिकारियों को उन्हें शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया. इसके तुरंत बाद प्रशासन ने वैकल्पिक सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी. इससे शहर में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये हैं.

फिर से बैराज से गुजर रहे वाहन, मानसून से पहले सवाल

वैकल्पिक मार्ग बंद होने के कारण अब एक बार फिर बैराज से ही सभी प्रकार के वाहन गुजर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जब वैकल्पिक सड़क की खामियां अभी दूर नहीं हुई हैं, तो बारिश शुरू होने से पहले बैराज की सड़क की मरम्मत कैसे संभव होगी. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विपक्ष बेवजह अच्छे कामों में अड़ंगा डाल रहा है, लेकिन बहुत जल्द खामियों को दूर कर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

क्या हैं वैकल्पिक सड़क की खामियां

बताया गया कि दुर्गापुर बैराज राज्य का एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है, जिससे आठ जिलों के वाहन गुजरते हैं. वर्ष 1955 में बने इस बैराज की सड़क समय-समय पर मरम्मत नहीं होने से अब बुरी तरह जर्जर हो चुकी है. राज्य सरकार ने ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से एक निजी कंपनी को मरम्मत का कार्य सौंपा है, लेकिन अभी उसे आधिकारिक अनुमति नहीं मिली है.

इसी के तहत दामोदर नदी के नीचे से बड़े और छोटे वाहनों के लिये वैकल्पिक सड़क बनायी गयी, जो लगभग तैयार है. निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कहा कि यह मार्ग बड़े वाहनों के लिए तो उपयुक्त है, लेकिन छोटे वाहनों जैसे प्राइवेट बस, ऑटो, टोटो, मेटाडोर आदि के लिये यह खतरनाक हो सकता है. सड़क की ऊंचाई नदी के बीच में पांच स्थानों पर कम है, जिससे बारिश के मौसम में डैम से पानी के रिसाव से सड़क डूब सकती है और दुर्घटनाएं हो सकती हैं. इसलिए इन हिस्सों को ऊंचा करने की आवश्यकता है.

विपक्ष ने लगाया फिजूलखर्ची का आरोप

विपक्षी दलों ने सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इस वैकल्पिक मार्ग पर सरकार ने करीब एक करोड़ 86 लाख रुपये खर्च किये, फिर भी सड़क में इतनी बड़ी खामियां निकल आयीं. अब जब तक वैकल्पिक सड़क को दुरुस्त नहीं किया जाता, तब तक बैराज की मुख्य सड़क की मरम्मत संभव नहीं है. जून महीने से मानसून की शुरुआत होनी है, ऐसे में सवाल यह है कि सरकार पहले वैकल्पिक सड़क की मरम्मत करायेगी या बैराज की.

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