रांची. डीएसपीएमयू में बुधवार को रांची वीमेंस कॉलेज की शिक्षिका डॉ प्रज्ञा गुप्ता और डीएसपीएमयू के शिक्षक डॉ जिंदर सिंह मुंडा द्वारा संपादित पुस्तक झारखंड का हिंदी कथा साहित्य का लोकार्पण किया गया. मौके पर कुलपति डॉ तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि इस पुस्तक ने झारखंड के पूरे कथा परिदृश्य को सबके सामने प्रस्तुत किया है. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि यह पुस्तक झारखंड के हिंदी कथा साहित्य की एक स्पष्ट झलक लेकर उपस्थित है. इसमें राधाकृष्ण से लेकर रश्मि शर्मा तक के रचनाकार शामिल हैं. जिससे विद्यार्थियों को झारखंड के कथा साहित्य को समझने में मदद मिलेगी.
झारखंड के कथाकारों की समृद्ध परंपरा है
कथाकार रणेंद्र ने कहा कि झारखंड के हिंदी कथा लेखन पर नजर डालने से यह स्पष्ट होता है कि यहां कथाकारों की एक समृद्ध परंपरा है. कहानीकार दयाल राम ने कहा कि झारखंड के साहित्य पर ऐसी पुस्तक के आने से शोधार्थियों को मदद मिलेगी. कहानीकार पंकज मित्र ने कहा कि झारखंड की हिंदी कहानी या उपन्यास लेखन को आलोचनात्मक ढंग से जिस रूप में यह पुस्तक प्रस्तुत कर रही है, वह प्रशंसनीय है. साहित्यकार महादेव टोप्पो ने कहा कि एलिस एक्का की कहानियों पर भी इसमें चर्चा है. कथाकार डॉ राकेश कुमार सिंह ने कहा कि इस पुस्तक में झारखंड का संपूर्ण कथा लेखन एक मंच पर विभिन्न लेखकों के द्वारा आलोचनात्मक रूप में सबके समक्ष है.
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
इससे पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ जिंदर सिंह मुंडा ने आगंतुकों का स्वागत किया. संचालन डॉ प्रज्ञा गुप्ता और धन्यवाद ज्ञापन डॉ मृत्युंजय कोईरी किया. मौके पर उर्मिला कश्यप, अनीता रश्मि, रश्मि शर्मा, प्रो सविता केसरी, प्रो विनोद कुमार, मनीष कुमार मिश्रा, विजय कुमार, डॉ अनामिका, डॉ सुनीता गुप्ता, डॉ सुनीता यादव, डॉ किरण कुमारी, डॉ नियति कल्प, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ मृदुला प्रसाद, डॉ किरण और डॉ कुमुद कला मेहता आदि उपस्थित थे.
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