गांधी मैदान एरिया में घेराबंदी कर लगने गाड़ियां, शहर में सफाई का टेंडर लेने के बाद एजेंसी बना रही अपना ठिकाना
Gaya News: गया गांधी मैदान 74 एकड़ में है. आधी से अधिक जगह पर निर्माण करा दिया गया है. इसमें बिजली विभाग, टेलीफोन विभाग व कई संस्थाओं के कार्यालयों समेत दुकानें बना दी गयी हैं. इसके साथ ही पार्क बनाया जा रहा है. अब बाहरी हिस्सों में अस्थायी व स्थायी निर्माण शुरू कर दिया गया है. यहां देखा जाये, तो कोर्ट के आदेश के बाद सब्जी विक्रेताओं के लिए बनायी गयी दुकानों को भी तोड़ दिया गया था. कई वर्षों तक गांधी मैदान में किसी तरह का निर्माण नहीं हुआ. लोगों ने बताया कि कुल मिलाकर हर स्तर पर गांधी मैदान के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए काम किया जा रहा है. एक तो पहले से निगम की ओर से गांधी मैदान के एक हिस्से में शहर का कचरा लाकर जमा किया जाता है. अब गाड़ियों को रखने के लिए गांधी मैदान की जमीन का ही उपयोग किया जायेगा.
एफिडेविट देने के बाद भी किया जा रहा निर्माण
समाजसेवी वृजनंदन पाठक ने उनकी ओर से कोर्ट में केस दर्ज कराने के बाद बिहार सरकार की ओर से माननीय पटना उच्च न्यायालय में एफिडेविट दिया गया था कि भविष्य में गांधी मैदान गया में कोई पक्का निर्माण नहीं किया जायेगा. परंतु, अत्यंत खेद का विषय है कि विभिन्न विभागों की ओर से लगातार पक्का निर्माण कर गांधी मैदान का अतिक्रमण कर छोटा किया जा रहा है. पिछले दिनों गांधी मैदान के अंदर पार्क बनाया जा रहा था. अब प्राइवेट एजेंसी ने निगम क्षेत्र में सफाई का टेंडर लिया, तो गांधी मैदान के बाहरी हिस्से की घेराबंदी शुरू कर दी है. निगम की ओर से प्रदूषण हटाने के लिए काम किया जाना चाहिए.
गांधी मैदान के बाहर या अंदर घेराबंदी का आदेश नहीं
नगर निगम उपनगर आयुक्त श्यामनंदन प्रसाद ने प्राइवेट एजेंसी को यहां सफाई का टेंडर दिया गया है. सामान का इंतजाम करना व सुरक्षा की जिम्मेदारी एजेंसी की है. गांधी मैदान के अंदर या बाहर घेराबंदी कर सामान रखने का एजेंसी को आदेश नहीं है. इस तरह का काम अगर एजेंसी की ओर से किया जा रहा है, तो उस पर तत्काल रोक लगायी जायेगी. किसी को मनमाना काम करने की छूट नहीं दी जा सकती है.
Also Read: छपरा से बलिया-गाजीपुर होते हुए चल रही आनंद विहार टर्मिनल–बरौनी साप्ताहिक एक्सप्रेस, इसमें मिल रहा कंफर्म टिकट