Bhagalpur News: भागलपुर पीरपैंती में बनने वाले थर्मल पावर प्लांट के यह प्रोजेक्ट टैरिफ बेस्ड कम्पेटिटिव बिडिंग (टीबीसीबी) है. इस वजह से किसी भी एजेंसियों ने टेंडर भरने में रूचि नहीं दिखाई है. देखना अब यह है कि टाइम एक्सटेंशन के तहत निर्धारित तिथि में कोइ्र इसमें भाग लेता है या नहीं. ऐसे उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बढ़ायी तिथि पर टेंडर एजेंसी चयनित हो जायेगी. अगर एजेंसी चयनित हो जाती है और इसका निर्माण शुरू हो जाता हे तो इससे बिहार आत्मनिर्भर बनेगा और बिजली की बढ़ती मांग पूरा हो सकेगी.
थर्मल पावर से 2400 मेगावाट जेनरेट होगी बिजली
पीरपैंती में थर्मल पावर का तीन प्लांट बनेगा. हर एक प्लांट से 800 मेगावाट बिजली उत्पादित होगी. यानी, कुल 2400 मेगावाट बिजली जेनरेट होगी. प्लांट आवंटित कोयला लिंकेज से ईंधन प्राप्त करके स्थापित किया जायेगा.
पहले दोनों अनुषंगी कंपनी, फिर दूसरे को बेचनी होगी बिजली
चयनित एजेंसी को खुद के खर्चें पर प्लांट का डिजाइन व कंस्ट्रक्शन से लेकर सभी तरह के कार्य कराना अनिवार्य होगा. यानी, अपने पैसे से ही प्लांट स्थापित करनी होगी. बाद में बिजली बेचकर लागत निकालेगी. एजेंसी जब थर्मल पावर प्लांट स्थापित कर लेगी और इससे जब बिजली बेचनी शुरू करेगी, तो साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एसबीपीडीसीएल) और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एनबीपीसीडीएल) को पहली प्राथमिकता देनी होगी. उक्त दोनों बिजली कंपनी रिक्वायरमेंट के हिसाब से बिजली खरीद करेगी. अगर कम बिजली खरीद की, तो वह शेष बिजली दूसरे को बेच सकेगी. इससे उन्हें इंसेंटिव का फायदा होगा. अगर दोनों कंपनियों पूरी बिजली खरीदेगी, तो उन्हें इंकार नहीं करना होगा. एजेंसी को टैरिफ के हिसाब से बिजली बेचनी होगी. यानी, प्लांट का निर्माण से लेकर बिजली खरीद टैरिफ पर निर्भर रहेगा.
23 करोड़ 11 लाख रुपये से होगा प्रोजेक्ट साइट का बांड्र
प्रोजेक्ट साइट की बांड्री निर्माण भी कराया जाना है. यह निर्माण कार्य साउथ बिहार पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड एजेंसी के माध्यम से करायेगा. प्रोजेक्ट साइट की बांड्री पर 23 करोड़ 11 लाख 01 हजार 600 रुपये खर्च होंगे. ठेका एजेंसी की बहाली प्रक्रिया अपनायी जा रही है.
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