रांची : झारखंड के शिक्षकों को समय से वेतन मिल सकेगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो माध्यमिक शिक्षा निदेशालय संबंधित जिलों के अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करेगा. निदेशक राजेश प्रसाद ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है. दरअसल झारखंड में शिक्षकों के लिए राशि आवंटित होने के बाद भी समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है. जिला स्तर पर डीइओ कार्यालय समय पर प्रक्रिया पूरी नहीं कर रहे हैं. इस कारण शिक्षक वेतन के लिए डीइओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. आलम यह है कि कुछ जिलों में तो शिक्षिका के मातृत्व अवकाश पर जाने के बाद भी उनका वेतन स्थगित कर दिया जा रहा है.
नियम विरुद्ध है वेतन रोकना
माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद द्वारा जारी पत्र में लिखा गया है कि निदेशालय को यह जानकारी मिली है कि महिला शिक्षक के मातृत्व अवकाश पर जाने के बाद भी शिक्षक का वेतन स्थगित कर दिया जा रहा है. यह नियम विरुद्ध है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि भविष्य में अगर किसी भी जिले से ऐसी शिकायत मिली, तो संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. मातृत्व अवकाश पर जाने के बाद शिक्षकों के वेतन को लेकर वर्ष 2007 में पत्र जारी किया गया था.
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हाइस्कूल से प्लस टू में शिक्षक बने, फिर भी वेतन रोका
झारखंड में प्लस टू विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. प्लस टू विद्यालय में वैसे शिक्षक भी नियुक्त हुए हैं, जो पूर्व में हाइस्कूल में कार्यरत थे. इसके बाद भी उनका वेतन रोक दिया गया है. निदेशालय के पत्र में कहा गया है कि शिक्षक जब हाइस्कूल में नियुक्त हुए थे, तब उनके सभी प्रमाण पत्रों की जांच हुई थी. ऐसे में फिर से मैट्रिक से लेकर स्नातक व शिक्षक प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र जांच की आवश्यकता नहीं है.
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