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जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होते पटना के इन गांवों में जमीन की कीमतें बढ़ी



Bihar Bullet Train बिहार में बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पटना में 58 गांवों से बुलेट ट्रेन गुजरेगी. इसको लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. फुलवारीशरीफ के अंचलाधिकारी ने राजस्व कर्मचारी को इसको लेकर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. सीओ के निर्देश पर राजस्व कर्मचारी की ओर से पटना के सभी 58 गांवों में सर्वे का काम शुरु कर दिया है.

इस प्रक्रिया के शुरू होते ही इन गांव में जमीन की कीमत पांच गुणा तक बढ़ गया है. रेलवे बुलेट ट्रेन के ट्रैक बनाने के लिए 128.63 हेक्टेयर रैयती जमीन का अधिग्रहण करेगा. इसके लिए रेलवे ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट से चार गुणा और शहरी क्षेत्र में दो गुणा मुआवजा देगा.फुलवारीशरीफ के सीओ की ओर से इसके लिए जमीन मालिकों को नोटिश जारी कर जमीन अधिग्रहण के उदेश्य से कागजात जमा करने को कहा गया है.

ट्रैक पर बुलेट ट्रेन, नीचे दौड़ेंगी गाड़ियां

बुलेट ट्रेन के लिए रेलवे की ओर से एलिवेटेड ट्रैक बनाया जायेगा. रेलवे सूत्रों का कहना है कि एलिवेटेड ट्रैक के नीचे सड़क का निर्माण कराया जायेगा. ताकि जिस इलाके से बुलेट ट्रेन गुजरे वहां पर रहने वाले लोगों को आने जाने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो. जमीन अधिग्रहण करने के साथ ही रेलवे रैयतों से इस बात की भी जानकारी दी जा रही है.

इस बात की जानकारी मिलने के बाद इस क्षेत्र की जमीन का भाव बढ़ गया है. रैयत सर्वे का कागज लेकर अब जमीन के खरीददारों से मोल भाव कर रहे हैं. बता दें 350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन के लिए बिहार के पांच जिलों में 260 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनना है. एलिवेटेड ट्रैक के लिए जमीन कम इस्तेमाल होगी और ट्रेन की स्पीड भी अच्छी रहेगी. इस लिए एलिवेटेड ट्रैक बनाया जा रहा है. यह ट्रेन वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का हिस्सा होग.

बिहार के इन शहरों से गुजरेगी

इस प्रोजेक्ट के लिए फिलहाल एजेंसी का चयन नहीं हुआ है, लेकिन जो सूचना है उसके अनुसार ये दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में पटना, बक्सर, आरा, जहानाबाद और गया में एलिवेटेड ट्रैक बनेगा. दूसरे चरण में दिल्ली से वाराणसी तक ट्रैक बनेगा.प्रोजेक्ट के लिए एजेंसी चयन करने की जिम्मेवारी नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की ओर से किया जायेगा. यह एजेंसी ही इस प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाएगी.

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