मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया: मंडल कारा में पलासी थाना क्षेत्र के भीखा पंचायत के बांसर डेहटी निवासी विचाराधीन बंदी मो. सोहराब खान उर्फ मुन्ना (46 ) की मौत हो गयी. जिससे मृतक बंदी के परिजनों में आक्रोश है. शुक्रवार की देर रात मंडल कारा से बंदी सोहराब को गंभीर परिस्थिति में सदर अस्पताल अररिया लाया गया था, जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत बता दिया. इसके बाद मो. सोहराब को मंडल कारा से लाने वाले जवान व पदाधिकारी फरार हो गये.
पत्नी ने क्या कहा?
मृत बंदी मो सोहराब की पत्नी बीवी गुलशन ने बताया कि आज सुबह (शनिवार) को मो. मुजाहिद आलम उनके घर पर आये थे, उन्होंने बताया कि जेल में बंद मो. सोहराब की तबीयत खराब है, उसे इलाज के लिए बाहर ले जाना पड़ेगा, एक सादे कागज पर इसे लेकर हस्ताक्षर करा लिया गया, बाद में सदर अस्पताल से सूचना मिली कि मो. सोहराब की मौत हो गई है. शव को ले जाने कहा गया. परिजन आनन-फानन में सदर अस्पताल पहुंचे तो पाया कि सोहराब के सर पर और शरीर में अन्य जगह चोट के निशान थे, शरीर पर खून के भी छींटे थे.
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पत्नी का क्या है आरोप…
बीवी गुलशन ने बताया कि उनके पति मो. सोहराब को बीते बुधवार 16 अप्रैल को पलासी पुलिस गिरफ्तार कर लाई थी. पत्नी का आरोप है कि जेल में पुलिस द्वारा मारपीट कर उसके पति की हत्या कर दी गई है. उन्होंने कहा कि- ‘हम लोगों से गलत तरीके से सादे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया गया है. पत्नी गुलशन यह कहकर बार-बार बेहोश हो जाती थी. बार-बार यही कहती थी कि अब उसके परिवार का लालन-पालन कैसे होगा, कौन करेगा.’
सदर अस्पताल हुआ पुलिस छावनी में तब्दील
विचाराधीन बंदी मो सोहराब की मौत से आक्रोशित परिजनों ने सदर अस्पताल में जमा कर बवाल काटा, वे लोग बार-बार इंसाफ की मांग कर रहे थे. हालांकि परिजनों में एक पक्ष आक्रोशितों को समझाने में लगे हुए थे. इधर सूचना पर एएसपी रामपुकार सिंह के नेतृत्व में नगर थाना पुलिस व जवानों के साथ सदर अस्पताल पहुंच कर पूरे सदर अस्पताल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया .
पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जांच के बाद होगी अग्रतर कार्रवाई
पलासी थाना पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर एक बेल टूटी साधारण वारंटी की गिरफ्तारी 16 अप्रैल को की है. शनिवार की सुबह जानकारी मिली कि एक बंदी की मौत हो गई है. न्यायिक हिरासत में बंदी के मौत होने पर पूर्व से जो गाइडलाइन है. इस संबंध में जो प्रक्रियाएं हैं. मजिस्ट्रेट की निगरानी में गठित बोर्ड के समक्ष मृतक बंदी का पोस्टमार्टम कराया जायेगा. मौत कैसे हुई, इसकी जांच भी की जायेगी. वरीय पदाधिकारी को सूचित किया गया है. जो वैधानिक कार्रवाई है. वह की जाएगी. जांच प्रक्रिया में जो सत्य तथ्य सामने आयेगा. वह परिजन को निष्पक्ष बताया जायेगा. मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही मालूम चल सकेगा. मंडल कारा जाकर मौजूद पदाधिकारी-अधिकारी से भी सभी बिंदुओं पर जांच की जायेगी. वहां क्या हुआ था, यह पता किया जाएगा. तब ही सही जानकारी प्राप्त हो सकेगी.
रामपुकार सिंह, सदर एसडीपीओ, अररिया
गमछा से फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की
मृतक बंदी सोहराब 17 अप्रैल को 406 व 467 धारा में मंडलकारा आया था. उक्त बंदी का प्रेशर अप एंड डाउन कर रहा था व डायबिटीज भी बढ़ा हुआ था. जिसमें कारा अस्पताल में मौजूद चिकित्सक से उसका इलाज शुरू हुआ. 18 अप्रैल की रात्रि में वह बेचैन होने लगा. उससे पूछने पर वह कुछ बता नहीं रहा था. डॉक्टर द्वारा उसे नींद की भी दवा दी गई थी. जिसे खाकर सोने को कहा गया. सोने के दौरान बार-बार जगकर वह उठकर बैठ जा रहा था. सबके सोने के बाद एकाएक डेढ़ बजे रात में बंदी सोहराब उठा व टॉयलेट चला गया. जहां कमोड सीट पर पांव रखकर खिड़की से गमछा लगाकर उसने अपने गले में फंदा लगा लिया. इधर उसके वार्ड में मौजूद अन्य बंदी ने जब टॉयलेट से देरी से आते हुए देखा तो दौड़कर अन्य बंदी टॉयलेट भागे. जहां उसे खिड़की से लटका पाया गया. अन्य बंदी द्वारा तुरंत उसे उतारा गया. जानकारी मिलने पर उसे फौरन सदर अस्पताल भेज दिया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
मृत्युंजय कुमार, जेलर, मंडलकारा अररिया