Parasnath Hill : तनाव भरे इस जीवन में मन की शांति का सबसे अच्छा उपाय है दोस्त-यार या सगे-संबंधियों के साथ कहीं घूमने जाना. खासकर प्रकृति के बीच हरियाली की गोद में अद्भुत सुख और शांति की अनुभूति होती है. प्रकृति के बीच आप सभी चिंता को भूल ठंडी हवाओं में खो जायेंगे. यूं तो हमेशा से झारखंड और खूबसूरत वादियों का आपस में एक गहरा रिश्ता रहा है, लेकिन आज हम आपको किसी वादियों के बीच नहीं बल्कि झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी की सैर करायेंगे.
क्यों खास है ‘पारसनाथ हिल’ ?
झारखंड की सबसे ऊंची पहाड़ी ‘पारसनाथ हिल’ शांत वातावरण और हजारों फीट ऊपर से दिखने वाले मनोरम दृश्य के कारण काफी प्रचलित है. पारसनाथ पहाड़ी एक ऐसी जगह है जहां आप प्रकृति की सुंदरता, धार्मिक आस्था और स्थानीय संस्कृति का भरपूर आनंद ले सकते हैं. यह पहाड़ी जैन धर्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है. पारसनाथ हिल पर चढ़ना आपको एक रोमांचक अनुभूति देगा. हजारों सीढियां चढ़कर जब आप पहाड़ी की चोटी पर पहुचेंगे तो मनोरम दृश्य देख आप जीवन की सभी परेशानियां भूल जायेंगे. इस पहाड़ी की उच्चतम चोटी की ऊंचाई 1350 मीटर है.
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कैसे पहुंचे ‘पारसनाथ हिल’ ?

‘पारसनाथ हिल’ झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित है. रांची एयरपोर्ट से ‘पारसनाथ हिल’ की दूरी 103 किमी है. अगर आप झारखंड के किसी भी जिले से पारसनाथ आना चाहते हैं, तो आप सड़क मार्ग से आसानी से यहां पहुंच सकते हैं. पारसनाथ रेलवे स्टेशन से ‘पारसनाथ हिल’ तक आपको कोई भी सार्वजानिक वाहन या ऑटो छोड़ देगी. इसके बाद आप ‘पारसनाथ हिल’ की चढ़ाई शुरू कर सकते हैं.
शिखर तक की पैदल यात्रा होती है बेहद रोमांचक
पहाड़ी की शिखर तक पहुंचने के लिए आपको तकरीबन 10 किमी की यात्रा करनी पड़ती है. दुर्गम पहाड़ियों पर लंबी दूरी की यह यात्रा पैदल तय करना काफी रोमांचक होता है, लेकिन अगर आप पैदल चलने में असमर्थ हैं तो आप पालकी का सहारा ले सकते हैं. इसके अलावा पहाड़ी की चोटी पर पहुंचने के लिए रेंट पर बाइक भी उपलब्ध होते हैं.

24 तीर्थंकरों ने की थी मोक्ष की प्राप्ति
पारसनाथ पहाड़ी जैन धर्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि 24 तीर्थंकरों ने इस पहाड़ी पर मोक्ष प्राप्त किया था. पारसनाथ पहाड़ी का नाम 23वें जैन तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के नाम पर ही रखा गया है. पारसनाथ पहाड़ी को जैन धर्म के अनुयायी ‘सम्मेद शिखर’ के नाम से भी जानते हैं.
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